सात समुंदर पार पहुंचा बोरे-बासी का स्वाद

         नाचा के सदस्यों ने मजदूर दिवस पर खाया बोरे-बासी

एनआरआई परिवार के बच्चों ने भी बोरे-बासी खाकर अपनी संस्कृति को जाना 

रायपुर।  अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अपनी संस्कृति और श्रमिकों के सम्मान में छत्तीसगढ़ के पारम्परिक भोजन बोरे-बासी खाने का आहवान सात समुंदर जा पहुंचा है। मुख्यमंत्री की छत्तीसगढ़ की संस्कृति का गौरव बढ़ाने की पहल को बड़ी संख्या में लोगों ने समर्थन दिया। विदेशों में बसे छत्तीसगढ़िया भाई-बहनों के संघ नाचा (नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन) के सदस्यों ने मजदूर दिवस के अवसर पर बोरे-बासी खाया। उन्होंने श्रमिकों के सम्मान में बोरे-बासी खाकर छत्तीसगढ़ का गौरव विदेशों तक पहुंचाया।

उल्लेखनीय है कि नाचा का छत्तीसगढ़ एनआरआई एसोसिएशन कई देशों यूएसए, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, सिंगापुर और यूके में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ विरासत और संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के आहवान पर एसोसिएशन की टीम की शशि साहू, दीपाली सरावगी, मीनल मिश्रा, मोनिका तिवारी, गणेश कर, शत्रुघ्न बरेठ, तिजेंद्र साहू, दिलीप तिवारी, वंदना दडसेना, निर्मल साहू, कृष्णा मिश्रा ने अमेरिका और अन्य देशों में बोराबासी दिवस मनाया और बोरे-बासी खाया। डेनबर्ग में रहने वाली श्रीमती मीनल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने लाइबरी, दही मिर्ची, गोंदली, आम के अथान, हरी मिर्चीं, अमारी भाजी चटनी और मूली भाजी का आनंद लिया और बोरे-बासी दिवस मनाया। संघ के सदस्यों के साथ उनके एनआरआई बच्चों ने भी बोरे-बासी का आनंद लिया और अपने पारम्परिक आहार और संस्कृति का हिस्सा बने।

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