ईसा मसीह और माता मरियम की मूर्ति खंडित की, मसीही समाज ने निकाला कैंडल मार्च

न्याय, दोषियों पर कार्रवाई व सुरक्षा की कि मांग, राज्यपाल -सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
– शिजों आबे को दी श्रद्धांजलि, जापान के लिए की प्रार्थना           
रायपुर। डोंगरगढ़ में कलवरी पहाड़ पर मसीहियों के तीर्थ स्थल पर प्रभु ईसा मसीह व माता मरियम की प्रतिमाएं खंडित करने की घटना के विरोध में शनिवार को मसीही समाज एक झंडे तले आ गया है। राजधानी में मसीही समाज ने घटना के विरोध में कैंडल मार्च निकाला। छत्तीसगढ़ डायसिस के बिशप द राइट रेव्ह. अजय उमेश जेम्स व कैथोलिक डायसिस के विकार जनरल फादर सेबेस्टियन पी. ने कैंडल मार्च की अगवाई की। बिशप जेम्स ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि भारत हमारा भी है। हमें भी अन्य नागरिकों की तरह अधिकार हैं। हम न्याय की मांग करते हैं।
जेम्स ने कहा कि डोंगरगढ़ में ईसा मसीह व माता मरियम की प्रतिमाएं खंडित नहीं की बल्कि देश का भाईचारा तोड़ने व इंसानियत को तोड़ने की कोशिश की गई है।                                          कैंडल मार्च के बाद सरकारी अफसरों को राज्यपाल, सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई। नगर घड़ी से कैंडल मार्च संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तक निकाला गया। प्रारंभ में बिशप जेम्स ने प्रार्थना की। उन्होंने जापान पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर शोक जताते हुए संपूर्ण मसीही समाज की ओर से आबे के परिवार व जापानवासियों के लिए प्रार्थना की। फादर सेबेस्टियन ने कहा कि हम सब एक हैं और ऐसी घटनाओं का सामना करेंगे।            प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह हर वर्ग हर धर्म के लोगों के हितों, धर्मस्थलों की रक्षा करे। कैंडल मार्च में धर्म पुरैहित, फादर, पादरीगण, सिस्टर्स, मसीही समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। अखिल भारतीय ईसाई समुदाय अधिकार संगठन, ब्रदर फैलोशिप, क्रिश्चयन यूथ फैलोशिप 96 बैच, छत्तीसगढ़ क्रिश्चयन फोरम, छत्तीसगढ़ कुड़ूंख उरांव समाज, विभिन्न संगठनों तथा संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मालूम हो कि दो जुलाई को डोंगरगढ़ में ईसा मसीह व माता मरियम की प्रतिमाएं अज्ञात तत्वों ने तोड़ दी। इसके विरोध में शुक्रवार को डोंगरगढ़ में भी मौन जुलूस निकाला गया था। आक्रोशित मसीहियों द्वारा विरोध प्रदर्शन प्रदेशभर में आयोजित किए जा रहे हैं।   

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