राजकुमार जैन ( स्वतंत्र विचारक )
समय आ गया है विभिन्न परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं के परिणाम आने का, बच्चों के लिए यह बहुत नाजुक समय होता है, आपका बच्चा आपके अपने परिवार का सबसे महत्वपूर्ण अंग है और उससे अदम्य अपेक्षाएं ना रखें, हर बच्चा अलग क्षमताओं के साथ जन्म लेता है । उसके व्यक्तित्व को मात्र अंकों से ना तौलें, अपेक्षानुसार नम्बर ना लाने पर उसे शर्मिंदा ना करें, उसे महसूस होना चाहिये कि आप उसे सदैव उतना ही प्यार करते रहेंगे, नम्बर के कम ज्यादा होने से आपका प्यार कम नहीं होगा । अपने बच्चों की नजरों में आप संसार के सबसे अच्छे माता पिता होते हैं अच्छे माता पिता बनने के प्रयास में आप इस बात को लेकर बहुत बेचैन रहते हैं कि आपका बच्चा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करे, बहुत अच्छा परिणाम लाये, सबसे बेहतर नम्बर लाये । लेकिन ध्यान रखें कि यह बच्चे जो इम्तिहान दे रहे हैं इनमें भविष्य के अच्छे कलाकार भी हैं जिन्हें गणित समझने की बिल्कुल जरूरत नहीं, इनमें बड़ी बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि भी बैठे हैं, जिन्हें इंग्लिश लिटरेचर और इतिहास समझने की जरूरत नहीं है, इन बच्चों में भविष्य के बड़े-बड़े संगीतकार भी हैं जिनकी नजर में केमिस्ट्री के कम अंकों का कोई महत्व नहीं, इन बच्चों में भविष्य के एथलीट्स भी हैं जिनकी नजर में उनके मार्क्स से ज्यादा उन की फिटनेस जरूरी है| लिहाजा अगर आपका बच्चा ज्यादा नंबर लाता है तो बहुत अच्छी बात है लेकिन अगर वह ज्यादा नंबर नहीं ला सका तो तो सावधान रहें कि कहीं आपके ताने, आपकी प्रतिक्रिया, आप के बच्चे से उसका आत्मविश्वास और उसका स्वाभिमान ही ना छीन ले। अगर वह आपकी अपेक्षा अनुसार अच्छे नंबर ना ला सके तो भी आप उन्हें हौसला दीजिएगा कि कोई बात नहीं यह तो एक छोटा सा इम्तिहान भर है, बेटा तुम तो जिंदगी में इससे भी कुछ बड़ा करने के लिए बनाए गए हो l
अगर वह कम मार्क्स लाते हैं तो आप उन्हें बता दें कि आप फिर भी उनसे प्यार करते हैं और आप उन्हें उन के कम अंको की वजह से जज नहीं करेंगे l ईश्वर के लिए ऐसा ही किजिएगा और जब आप ऐसा करेंगे फिर देखिएगा कि आपका बच्चा दुनिया जीत लेगा l ध्यान रखिये, एक इम्तिहान और उसमें आये कम नंबर आपके बच्चे से उसके सपने और उसका टैलेंट नहीं छीन सकते, और हां प्लीज ऐसा मत सोचिएगा कि इस दुनिया में सिर्फ डॉक्टर और इंजीनियर ही खुश रहते हैं…अपने बच्चों को एक बेहतर इंसान बनने की शिक्षा दीजिये. अपने अधूरे सपनों और ख्वाहिशों का बोझ अपने बच्चों के अपरिपक्व कंधों पर ना डालें, उन्हें उनके अपने सपने देखने की स्वतंत्रता दें । विश्वास करें … अपने बच्चों के सपनों को साकार करने में उनकी मदद करके आपको अद्भुत और अवर्णनीय प्रसन्नता मिलेगी ।
-( ये लेखक के अपने विचार हैं )