समरसता यात्रा से भाजपा नेताओं के पाप नही धुलेंगे… बोले अमित चौरसिया

दलित आदिवासी अत्याचार त्रस्त राज्य में भाजपा की समरसता यात्रा वोट बैंक साधने का प्रयास…चौरसिया

 

इंदौर। मध्यप्रदेश में सत्ता पर फिर काबिज होने की लालसा लिए शिवराज सरकार विभिन्न जाति वर्ग और समाजों के साधने के लिए इलेक्शन मैनेजमेंट का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। मालवा निमाड़ में आदिवासी वोट बैंक के लिए बिरसा मुंडा से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के बाद अब दलित वोट बैंक को साधने शिवराज सरकार और भाजपा पूरे प्रदेश में समरसता यात्रा निकाल रही है। जबकि सच्चाई यह की देश में दलित आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार में मध्यप्रदेश पहले पायदान पर है। ये आरोप लगाया है  मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार संत रविदास जी के नाम से निकलने वाली समरसता यात्रा में सागर जिले में 14 एकड़ क्षेत्र में करीब 100 करोड़ की लागत से संत शिरोमणि रविदास महाराज का भव्य मंदिर बनाने का प्रचार प्रसार किया जा रहा जबकि सच तो यह है कि उसी जिले में दलित आदिवासियों के घरों पर बुल्डोजर चलवाने का काम भाजपा सरकार करती है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने भाजपा की समरसता यात्रा की तीखी आलोचना करते हुए कहा की शिवराज अपने गिरते जनाधार और सत्ता में वापसी की लालसा में नित नए ढोंग,घोषणाएं और इवेंट कर रहे है जबकि वह यह भूल रहे है कि उनकी 18 वर्षो की सरकार में दलित आदिवासियों पर अत्याचार में मध्यप्रदेश नंबर वन है 2022 की नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में दलित अत्याचार को लेकर मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है। इतना ही नहीं यहां दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों की दर सर्वाधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हर दिन 7 से ज्यादा अपराध अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ हो रहे हैं। इसके बावजूद दलित आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग अपमानित होने के बावजूद भी न्याय की आस में भटक रहे हैं। वही आदिवासियों पर हुई घटनाओं ने मानव सभ्यता के साथ प्रदेश को शर्मसार किया है जिसमे अधिकतर मामलों में भाजपा से जुड़े नेता और कार्यकर्ता संलिप्त है हाल ही में इंदौर में धार जिले के दो भाइयों को बंधक बनाकर पीटा गया था, इसके अलावा सीधी जिले का पेशाब कांड भी आदिवासी और दलित वर्ग के लोग भूल नहीं पा रहे हैं। सिंगरौली में भाजपा विधायक के पुत्र द्वारा आदिवासी युवक की पिटाई कर गोली मारी गयी। सरकार द्वारा हर घटनाओ में अपने नेता और कार्यकर्ताओं को बचाने का ही प्रयास किया गया है। फिलहाल मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 के मुकाबले 2021 के बीच दलितों पर हुए अपराधों में 51.7 फ़ीसदी मामलों की वृद्धि हुई है। 2021 में अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ पूरे देश में 5900 अपराध घटित हुए जिनमें से 7214 मामले मध्यप्रदेश में सामने आए है।
इन तमाम घटनाओ को शिवराज शायद सामान्य मान रहे है पर प्रदेश के दलित और आदिवासी समाज मे इन घटनाओ ने गहरा आघात पहुचाया है जिसको लेकर शिवराज सिंह चौहान जी पश्चयताप यात्रा निकाल समाज से क्षमा याचना करनी चाहिए।

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