शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
छ्ग की विष्णुदेव सरकार ने पहली बार 2हजार करोड़ का कर्ज लिया है।एक-एक हजार का कर्ज 8और 9वर्ष के लिये 7.68%, 7.67% व्याज पर लिया है।यहां यह बताना भी जरुरी है भूपेश सरकार ने नई सरकार के लिये करीब 91हजारकरोड़ का कर्ज विरासत में छोड़ाहै 50 हजार करोड़ का कर्ज तो 2018से 2023 के बीच कांग्रेस सरकार ने ही लिया था। वित्त विभाग के सूत्रों की मानें तो छ्ग के वित्तीय हालात को संभालने कई फैसले लिये जा सकते हैं। कांग्रेस सरकार की चंद योजनाओं को बंद करना होगा,बिजली बिल हाफ की योजना बंद की गई तो एक हजार करोड़ रुपये सेज्यादा की बचत हर साल होगी।बघेल सरकार की फ्लैग शिप गोधन न्याय योजना के तहत गोबर,गोमूत्रखरीदी को बंद किया गया तो हर साल करीब 500 करोड़ रुपये बचेगा।शराब दुकान भी इस रिफार्म्स का अहम केंद्र हो सकती है।50% शराब माफियाओं की बिकती है।इसी लीकेज को ठीक किया गयातो सालाना 5500 करोड़ रुपये की व्यवस्था सरकार कर लेगी। रेत,मुरूम जैसे गौणखनिज भी राजस्व बढ़ाने का बड़ा जरिया है।जानकार बताते हैं कि 90 फीसदी मुरुम खदान या रेत घाटों का टेंडर ही नहीं हुआ है।यानि ये सब बिना रॉयल्टी सिर्फ राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं।सभी घाटों का टेंडर हुआ तो इसकी रॉयल्टी खजाने तक पहुंचने लगेगी और एक बड़ी रकम खजाने तक पहुंच जाएगी।इनके अलावा,डीएमएफ फंड का लीकेज भी अपने आप में रिफॉर्म्स का बड़ा स्रोत है।कोललेवी से परिवहन जैसे सेक्टर भी हैं,जहां जारी लीकेज को रोक लिया गया तो भी भारी राजस्व अर्जित किया जा सकता है।चूंकि मौजूदा वित्त मंत्री ओपी चौधरी पूर्व आईएएस हैं, उन्हें प्रशासनिक खामी, व्यवस्थाओं की गहरी समझ है।इस नाते अगर वो चाहें तो वित्तीय व्यवस्था ठीक भी कर सकते हैं।
वीरा मप्र की दूसरी सीएस
तो रेणु छग की
दूसरी महिला एसीएस….
अविभाजित मप्र में महिला आईएएस निर्मला बुच के नाम पहली मुख्य सचिव बनने का रिकार्ड बना था पर वीरा राणा भीअब मप्र की दूसरी सीएस बनने का रिकार्ड बना चुकी हैं।11 अक्टूबर 1935 को जन्मी निर्मला1960 बैच की आई एएस थीं और 31 अक्टूबर 93 को उन्होंने मप्र से बतौर मुख्य सचिव के रूपमें सेवा निवृत्ति ली।श् वीरा राणा का जन्म 26 मार्च 1964 को उप्र में हुआ था।श्रीमती वीरा राणा बीए,ऍमबीए हैँ ।अविभाजित मप्र में रायपुर में एडीशनल कलेक्टर और उनके पति संजय राणा बतौर एसपी कार्य कर चुके हैं।2000 में मप्र से अलग होकर छग राज्य का गठन हुआ था।छग कॉडर की डॉ. इंदिरा मिश्रा 69 बैच आईए एस के रूप में छग में कार्य भार सम्हाला था।7 सितंबर 45 को जन्मी डॉ. इंदिरा मिश्र 30 सितंबर2005 को छगमेंअतिरिक्त मुख्यसचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुई थी।महिला आईएएस के छग में एसीएस बनने का उनका रिकार्ड कायम था।ज्ञात रहे कि उनके पति सुयोग्यकुमार मिश्र छग के मुख्य सचिव भी बने थे। 31अक्टूबर 2004को रिटायर हुए थे।15 फरवरी 68 को जन्मी 91बैच की आईएएस रेणुपिल्ले को अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया है,एसीएस बनकर उन्होंने छग की दूसरी महिला अफसर होने का रिकार्ड बनाया है।ज्ञात रहे कि अभी रेणु पिल्ले को फरवरी 2028 तक कार्य करना है। वैसे यह बताना जरूरी है कि रेणु पिल्ले के पिता आर के.गोनेला भी आँध्र काडर के 63 बैच के आईएएस थे यानि रेणु दूसरी पीढ़ी मेंआईएएस बनी है।वैसे देश की 90 आईएएस अफसरों में 31 में से एक हैं जो एडीशनल सेक्रेटरी एम्पेनल हुई हैँ।94 में रेणु का विवाह आईपी एस संजय पिल्ले के साथ हुआ था।1988 बैच के आईपीएस संजय पिल्ले अभी छ्ग में डीजी जेल के पद पर संविदा पर कार्यरत हैं।हाल ही में रेणु-संजय का बेटा भी आईएएस बन गया है।वैसे एसीएस बने सुब्रत भी दूसरी पीढ़ी के आईए एस हैं।इनके पिता सहदेव साहू ओडि़सा कॉडर के 1964 बैच के आईएएस थे।ज्ञात रहे कि सुब्रत साहू 5 जुलाई 68 को जन्मे हैं। 1992 बैच के आईएएस हैं,जुलाई 28 में सेवानिवृत्त होंगे।
अमित:प्रशिक्षुआईपीएस
से छ्ग के ख़ुफ़िया प्रमुख तक….
छत्तीसगढ़ सरकार ने 1998 बैच के सीनियर आईपीएसअमित कुमार को ख़ुफ़िया चीफ बनाया है।12 सालोंतक सीबीआई के अहम पदों पर अपनी सेवा देने के बाद दिसंबर23 में हीअमित की छत्तीसगढ़ वापसी हुई थी।वापसी के बाद से ही उन्हे खुफिया चीफ बनाये जाने की चर्चा थी।अंततः बुधवार की देर रात आदेश जारी कर दिया गया।गौरतलब हैआईपीएस अमित को साल 2011 में डेपुटेशन पर सीबीआई में पोस्टिंग हुई थी,4 साल को डेपुटेशन पर दिल्ली गये सीबीआई में करीब12 सालों तकडीआईजी,संयुक्त निदेश{पॉलिसी} कीअहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।कुछ महीने पहले ही अमित को एंटी करप्शन विंग की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी।साल 2023 के विधानसभा चुनाव में सरकार के गठन के बाद ही अमित की सेंट्रल डेपुटेशन से छत्तीसगढ़ वापसी हुई।जिसके बाद से ही साय सरकार में अमित कुमार को बड़ी जिम्मेदारी दिये जाने की अटकले तेज हो गयी थी।अमित,रायपुर, दुर्ग,बिलासपुर,राजनांदगांव,जांजगीर,बीजापुर जैसे जिले के पुलिस कप्तान भी रह चुके हैँ।वहीं प्रशिक्षु के रूप में कोतवाली रायपुर में भी सेवा दे चुके हैं।अमित ने आईआईटी दिल्ली से 93 -97में इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद यूपीएससी की तैयारी कर सफलता हासिल की।आईपीएस बनने के बाद मप्र/छ्ग काडर अलॉट हुआ। पुलिस सेवा में आने के बाद भी 2013-14 में एंटी करप्शन विषय में अपनी मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई भी पूरी की।
और अब बस….
0शिवरीनारायण,दूधधारी और जैतूसाव मठों के महंत रामसुंदर दास को अयोध्या राम मंदिर का निमंत्रण नहीं मिलने का कारण कॉग्रेसी होना ही तो नहीं..?
0आईपीएस की तबादला सूची क्या 26 जनवरी के बाद जारी होगी?