‘भरोसा’ और ‘कका’ के बीच का रिश्ता ….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार ) 

छत्तीसगढ़ राज्य के तीसरे सीएम हैँ भूपेश बघेल… पहले सीएम थे अजीत जोगी,दूसरे सीएम थे डॉ रमन सिँह। अजीत जोगी से परिचय उस समय से था ज़ब वे अविभाजित रायपुर जिले (धमतरी, महासमुंद, भाटापारा-बलौदाबाजार और गरियाबंद शामिल )के कलेक्टर थे और मै साइंस कॉलेज रायपुर का छात्र नेता… उनसे तब यदाकदा मुलाक़ात होती रहती थी, बाद में उनके राज्यसभा सदस्य बनकर सक्रिय राजनीति में आने से नजदीकियां बढ़ती गईं.. नया छ्ग राज्य बनने पर पहला सीएम बनने के बाद उनका पहला ईंटरव्यूह मैंने ही लिया था। दूसरे सीएम बने डॉ रमन सिँह.. वे 15 सालों तक लगातार 3 बार सीएम बने, उनका रिकार्ड बरकरार है ,उनसे भी लगातार मुलाक़ात होती रही,बातचीत होती रही, कई बार इंटरव्यूह भी लिया यही नहीं मेरी 4 पुस्तकों का लोकार्पण भी डॉ रमन सिँह ने किया।पिछले लगभग साढ़े 4 साल से भूपेश बघेल छ्ग के सीएम हैं,उनसे मुलाक़ात होती रहती है,कभी इंटरव्यूह तो नहीं लिया पर ज़ब भी मुलाक़ात होती है आत्मीयता और भी बढ़ती प्रतीत होती है,उनका सम्बोधन “कैसे हैं शंकर भाई ” सुनकर कभी ऐसा नहीं लगा कि भारत की राजनीति में इतनी जल्दी अपनाअच्छा मुकाम बनाने वाले एक सीएम से मुख़ातिब हूँ…? यह ठीक है कि साइंस कॉलेज रायपुर में मै उनसे 2 साल वरिष्ठ था पर अभी भी वह वरिष्ठ- कनिष्ठ की मर्यादा बनाये हुए हैं, एक आम छत्तीसगढ़िया के रूप में ज़ब वे पत्रकारों या आम नागरिक से बातचीत करते हैं तो वे भूल जाते हैं कि वे छ्ग के मुख्यमंत्री हैं,दिल खोलकर बातचीत,बिना लागलपेट के लोगों से घुलमिल जाना उन्हें और लोगों से अलग करता है, ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ के पुराने नारे के साथ इसीलिये आजकल एक नया नारा लगना शुरू हो गया है “भूपेश है तो भरोसा है “।वे आजकल ‘कका’ के सम्बोधन से भी चर्चा में है, सबसे बड़ी बात यह है कि ‘कका’ सम्बोधन उन्हें युवाओं ने दिया है और यह स्वस्फूर्त भी है…..तभी तो कभी कभी भूपेश आम जनता के बीच “कका अभी जिन्दा है” कहकर भरोसा को और मजबूत करते हैं….

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