रायपुर : प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि धर्मांतरण पर भाजपा का आंदोलन दरअसल विषयांतरण की असफल कोशिश मात्र है। डी. पुरंदेश्वरी के शर्मनाक बेहूदे बयान जिसमें छत्तीसगढ़ के मान सम्मान स्वाभिमान की ध्यान रखने वाली सरकार, मजदूर और किसान की ध्यान रखने वाली सरकार पर थूकने और थूक से इस सरकार से बहने की बात कहीं गई थी। डी. पुरंदेश्वरी ने ऐसी घोर अप्रजातांत्रिक बात कहीं थी। पहले तो भाजपा नेताओं ने यह कहकर सच को झुठलाने की कोशिश की कि डी. पुरंदेश्वरी ने थूकने की नहीं फूंकने की बात कही थी। जब डी. पुरंदेश्वरी का विडियो सामने आ गया और थूकने की ही बात सत्य निकली तो अब धर्मांतरण और किसानों की तकलीफ के मुद्दे उछाले जा रहे है जिनमें सत्यता नहीं है। अब डी. पुरंदेश्वरी के बेहूदे बयान से ध्यान हटाने के लिए विषयांतरण करने के लिए भाजपा ने धर्मांतरण को विषय के रूप में चुना है। दरअसल भाजपा धर्मांतरण को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है अगर जरा भी गंभीर होती तो 15 साल के भाजपा के रमन सिंह के सरकार में धर्मांतरण का एक मामला तो दर्ज होता। जिन 200 शिकायतों की बात भाजपा के नेता कर रहे हैं। मैं चुनौती देता हूं कि भाजपा के नेता उन शिकायतों को पब्लिक के डोमेन में रखें। भाजपा के नेता उन शिकायतों को राज्य सरकार के सामने रखें और यह देखा जाए कि कहां पर किस कानून का उल्लंघन हो रहा है। 24 घंटे के अंदर कांग्रेस की सरकार कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेगी। दरअसल भाजपा का उद्देश्य धर्मांतरण पर रोक तथा न है और न रहेगा। ऐसा होता तो भाजपा ने 15 वर्ष में अपनी सरकार में कुछ किया होता कुछ तो नहीं किया और कांग्रेस की सरकार पर झूठे आरोप मढ़ने के लिए विषयांतरण करने के लिए पुरंदेश्वरी के बयान से ध्यान हटाने के लिए भाजपा धर्मांतरण की बात कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कहा है कि पूरे देश में भाजपा एक-एक करके अपने नीव के पत्थर को उखाड़ने में लगी है येदुरप्पा उसके बाद त्रिवेंद्र रावत, तीरथ सिंह रावत, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, विजय रुपाणी। जिन भाजपा नेताओं ने भाजपा के लिए अपने जीवन लगा दिया संगठन में सब कुछ लगा दिया उनको एक-एक करके विस्थापित करने में और उखाड़ने में भाजपा लगी है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के लिये भी यह चेतावनी हैं। अब मध्य प्रदेश का नंबर है शिवराज सिंह चौहान का नंबर है और फिर छत्तीसगढ़ के नेताओं का भी नंबर आएगा। छत्तीसगढ़ के सारे वरिष्ठ नेता मार्गदर्शक मंडल में अपनी जगह तलाशने के लिए तैयार रहे।