कृषि मंत्री महज रबर स्टाम्प बाबू की भूमिका में*
लखनऊ। भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राहुल राव और राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक सुवेग राठी ने एक बयान जारी कर कहा कि सत्ता के अहंकार में मदमस्त केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अन्नदाताओं और किसान विरोधी है, किसानों मज़दूरों गरीबों मज़लूमों की आवाज़ बनने के लुभावने वादों के साथ 6 साल पहले काबिज़ हुई ढाई आदमियों की सरकार दो आदमियों की मोशा सरकार (नरेंद्र मोदी और अमित शाह) बनकर रह गयी है और कृषि मंत्री महज रबर स्टाम्प बाबू की भूमिका में रह गए है, जो संघ के भारतीय संविधान में विश्वास न करने के अजेंडे पर अक्षरशः अमल करते हुए तमाम नीतिगत फैसले ले रही है। सभी नीतियाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी उद्योगिक घरानों को लाभ देने के उद्देश्य से बनाई जा रही है जिसमें हाल ही में लागू किया गया काला कृषि कानून है, इस कानून का ताना बाना पूरी तरह से ऐसे बुना गया है जिससे की हमारे देश का किसान और कृषि पूरी तरह से सिर्फ और सिर्फ उद्योगिक घरानों तक ही आश्रित हो जाये। इस कानून के लागू होने से ऐसा प्रतीत होता है कि भारत देश एक बार पुनः आज़ादी के पहले के दौर की उद्योगिक गुलामी के गर्त में धकेला जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लंबा संघर्ष कर देश को अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद कराया था, अब आज़ादी के 73 साल बाद देश मे फिर वही परिस्थितियां दिखाई देने लगी है जहाँ मोदी की तानाशाही सरकार को न तोह लोकतांत्रिक व्यवस्था न भारतीय संविधान में आस्था है। यह सरकार न तोह संवैधानिक व्यवस्था के तहत महत्वपूर्ण नीतियों से संबंधित बिलों व कानूनों पर चर्चा के लिए सदन में बहस करती है और न ही विपक्ष की आवाज़ सुनना चाहती है यह अवसरवादी सरकार करोनाकाल में ही इस महत्वपूर्ण काले कृषि कानून को आनन फानन में पास करा कर लागू कर देती है, वही इस काले कानून के विरोध में कड़कती ठंड में अपनी मांगों को लेकर केंद्र के विरोध में सड़कों पर बैठे किसानों के आंदोलन से घबराकर मुँह चुराने के लिए करोनाकाल के नाम पर सांसद का शीतकालीन सत्र ही पूरी तरह से स्थगित कर देती है ताकि अन्नदाता किसानों की सड़क से सांसद तक आवाज़ बन रही कांग्रेस पार्टी के काला कानून पर विरोध का सामना नही करना पड़े, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी याद रहे यह वो कांग्रेस पार्टी है जिसने अपनी शहादतों और आंदोलनों के जरिये इस देश से अंग्रेजों को खदेड़ के भगाया था और आज़ादी दिलाई थी, आज 73 साल बाद वो निर्णायक घड़ी एक बार फिर सामने खड़ी है लेकिन युवा कांग्रेसियों की रगों में आज भी वही खून बह रहा है नरेंद्र मोदी तुम भले ही कांग्रेस से घबराकर संसद सत्र स्थागित कर अपना मुँह छुपा लो लेकिन कांग्रेस पार्टी इस काले कृषि कानून के विरोध में और किसानों की माँग के समर्थन में सड़कों पर प्रदर्शनों को पुरजोर जारी रखेंगी जब तक अन्नदाताओं की मांगें मानी नहीं जाती और ठंड में अपने तीन दर्जन साथियों की जान गवां चुके यह आंदोलनकारी किसान संतुष्ट होकर अपने घरों को नहीं लौट जाते। भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राहुल राव और राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक सुवेग राठी ने यह भी कहा कि युवा कांग्रेस अपने हर प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी सारी क्षमताओं के मुताबिक देश के युवाओं को इस फ़रेबी और किसान विरोधी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए निरंतर जागरूक करती रहेगी कांग्रेस ने हमेशा से गरीबों मज़दूरों मज़लूमों किसानों की आवाज़ बनती आयी है और यह क्रम अनवरत जारी रहेगा। भारतीय युवा कांग्रेस निरंतर युवाओं को किसानों की मांगों के समर्थन में खड़े होने के लिए जागरूक करती रहेगी ताकि इतनी भीषण कड़ाके की ठंड में संघर्षशील किसानों के मनोबल में कोई कमी न आये और देश की युवा शक्ति इन अन्नदाताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर न्याय मिलने तक खड़ी रहेगी। दो आदमियों की मोशा सरकार (नरेंद्र मोदी और अमित शाह) का देश पर क़ब्ज़ा व तानाशाही को कुंद कुंद कर देंगे कांग्रेस पार्टी के युवा।