बढ़ते अपराधों के खिलाफ अब जागे महापौर …कांग्रेस 

नशे के बढ़ते कारोबार से पूरा शहर चपेट में..कांग्रेस

*पत्राचार की नौटंकी करने की जगह नाइट कल्चर पर तुरंत प्रतिबंध लगवाए महापौर…

इंदौर। इंदौर में बढ़ते अपराधों के साथ,चोरी,लूट,डकैती, चाकूबाजी की लगातार घटनाओं के साथ हत्याओं का दौर शुरू हो गया है। जिससे पूरा शहर भय ग्रस्त होकर जगह जगह आतंक का माहौल निर्मित हो रहा था। जिसको लेकर शहर के नागरिकों में बढ़ते आक्रोश के बाद अब जाकर भाजपा के निष्क्रिय जन प्रतिनिधि जागे। वही इंदौर के महापौर पुष्मित्र भार्गव ने भी पुलिस प्रशासन को पत्र लिख इति श्री कर ली।

महापौर द्वारा पुलिस प्रशासन को लिखे पत्र पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राजेश चौकसे एवं संभागीय प्रवक्ता अमित कुमार चौरसिया ने तंज कसते हुए कहा की बड़ी देर लगा दी हजूर आते आते। अब आपके द्वारा बढ़ती आपराधिक घटनाओं के लिए नाइट कल्चर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। महापौर , कलेक्टर और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर कह रहे है कि नाइट कल्चर सांस्कृतिक शहर इंदौर की प्रतिष्ठा धूमिल कर रहा है। जबकि उन्हें पत्र लिखने की जगह अपने मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री से बात कर नाइट कल्चर पर प्रतिबंध लगवाना चाहिए था। भाजपा सरकार की शराब नीति के चलते कंपोजिट शराब की दुकानों के नाम पर पूरे शहर को मयखाना बना दिया है और सड़को, फुटापथो,खेल ग्राउंड मयकदे बन गए है। पर भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधियों और महापौर  को यह सब दिखाई नही दे रहा है।
इंदौर संभाग में नशे का कारोबार फल फूल रहा है शहर में अपराधियों पर पुलिस का खोफ खत्म हो गया है।स्कूल,कॉलेज,अस्पताल सहित नाइट क्लबों में होने वाली देर रात तक की पार्टियों में खुले आम सफेद पाउडर का जहर बिक रहा है। बढ़ती नशा खोरी के चलते छोटे से झगड़े में हत्याएं हो रही है। पर भाजपा के नेताओ और जनप्रतिनिधियों ने खामोशी की चादर ओढ़ ली थी। अब जब सोशल मीडिया से लेकर शहर की चौपालों पर बढ़ते अपराधों के लेकर आम नागरिकों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए भाजपा के नेता पत्राचार की राजनीति कर रहें है।
नेताद्वय ने महापौर से प्रशन पूछते हुए कहा की अगर आपको वाकई शहर की संस्कृति की इतनी चिंता है तो तत्काल मुख्यमंत्री जी से बात कर नाइट कल्चर पर प्रतिबंध लगवाए एवं सफेद पाउडर के साथ बिक रहे अन्य प्रकार के नशे के कारोबारियों पर सख्त कार्यवाही कर इंदौर शहर को इस जहर से मुक्त करवाए। अन्यथा इस तरह पत्राचार की नौटंकी से कुछ हासिल नहीं होगा।

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