साफ दामन का दौर अब खत्म हुआ…. लोग अपने धब्बों पर गुरुर करने लगे….

     शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    

स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। निधन की खबर के बाद फिल्म, कला व संगीत से जुड़े लोग लता दीदी से जुड़ी यादों को संजोने लगे. छत्तीसगढ़ से भी लता मंगेशकर का गहरा नाता है।लता मंगेशकर ने साल 2005 में आई छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘भकला’ के लिए ‘छूट जाई अंगना अटारी’ गीत गाया था। ये गीत आज भी बेटियों की विदाई के वक्त सुनाई पड़ जाता है।छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में संचालित इंदिरा कला व संगीत विश्वविद्यालय से भी लता मंगेशकर का गहरा नाता है। 9 फरवरी 1980 को इस विश्वविद्यालय से उन्हें डी-लिट की उपाधी से नवाजा गया था.छत्तीसगढ़ की मशहूर पंडवानी गायिका पद्मभूषण तीजन बाई कहती हैं कि लता मंगेशकर पंडवानी सीखना चाहती थीं….इसके लिए उन्होंने तीजन से 2 बार फोन पर बात भी की,लेकिन पंडवानी सिखाने का अवसर नहीं बन पाया….. तीजन कहती हैं कि लताजी से मेरी मुलाकात नहीं हुई, लेकिन 2 बार उन्होंने टेलीफोन से मुझसे बात की…और पंडवानी सीखने की इच्छा जताई. उनकी ये इच्छा अधूरी ही रह गई।
छत्तीसगढ़ की लोक गायिका ममता चन्द्राकर,लता मंगेशकर को याद करते हुए कहती हैं कि साल 1980 में जब लता दीदी इंदिरा कला व संगीत विश्वविद्यालय आईं थीं तो उन्होंने भोजन के समय उन्हें कढ़ी परोसी थी। हालांकि उनकी लताजी से बात नहीं हो पाई थी।उस प्रवास पर लता मंगेशकर प्रसिद्ध डोंगरगढ़ मंदिर जाकर मां बम्लेश्वरी के दर्शन भी किये थे उसके बाद कुछ सालों तक उनके नाम की ज्योति कलश भी नवरात्रि पर्व पर जलाये जाने की भी खबर है…

छत्तीसगढ़ मॉडल’ और कांग्रेस का उप्र चुनाव..     

देश के एक छोटे प्रदेश छत्तीसगढ़ के “मॉडल ” को को देश के सबसे बड़े उत्तर प्रदेश के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करना निश्चित ही कांग्रेस आला कमान की नजरों में छ्ग की भूपेश सरकार के महत्व को तो दर्शाता ही है साथ ही नरेंद्र मोदी के ‘गुजरात मॉडल’ को एक तरह से करारा जवाब भी है….. उप्र के कांग्रेस चुनावी घोषणा पत्र में किसान,फसल खरीदी, कर्ज माफ़ी, गोबर खरीदी, बिजली बिल हाफ आदि योजनाओं को शामिल किया गया है….
वैसे छत्तीसगढ़ में ‘आम आदमी’ से ताल्लुक रखने वाले भूपेश बघेल भी माने जाते हैं।आम छत्तीसगढिय़ा और आम किसान की छबि लोग भूपेश बघेल में देखते हैं। छत्तीसगढ़ की आत्मा से साक्षात्कार करने वाले भूपेश ने अभी तक तो आम आदमी के भले के लिए कई बड़े कदम उठाये हैँ वहीं छत्तीसगढिय़ा सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर भी कड़ा रूख अपनाया है। वैसे भूपेश बघेल के मंत्रिमंडल में राज परिवार के सदस्य शामिल हैं तो एक आम सरल छत्तीसगढिय़ा की छबि रखने वाला आदिवासी मंत्री भी शामिल है। सरगुजा महाराज, देश के सबसे अमीर विधायक का खिताब हासिल करने वाले टीएस सिंहदेव (बाबा) भी उनके मंत्रिमंडल के अंग हैं जो सिंधिया स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा ले चुके हैं तो तो कवासी लखमा जैसा एक मंत्री भी शामिल हैं जो आदिवासी समाज का नेतृत्व करते है।घूर नक्सली प्रभावित क्षेत्र के एक गांव के मूल निवासी हैँ साथ ही उन्हें कभी भी स्कूल जाने का सौभाग्य या मौका हासिल नहीं मिला । वह साक्षर तो हैँ पर पढ़-लिख नहीं सकते हैं पर अनुभवी विधायक है। हालांकि उनकी निरक्षरता को लेकर मंत्रिमंडल में शामिल होने विरोध के स्वर भी उभरे पर भूपेश ने उसे अमान्य कर उद्योग-आबकारी जैसा भारी भरकम मंत्रालय का दायित्व दिया है। मुझे याद आ रहा है कि पलारी विधानसभा से 71,77,80,85 तक लगातार कांग्रेस की टिकट से विधायक बनने वाले कांग्रेसी फूलसिंह मिरी भी निरक्षर थे उन्हें सामान्य हिन्दी का ज्ञान था वे भी कभी स्कूल नहीं गये थे पर लगातार उन्हें जनता विधायक चुनती रही… उनके विषय में कहा जाता था कि तब अविभाजित मप्र की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों को आवेदन देने के लिए वे रंगीन धागे को पहचान बनाते थे मसलन मुख्यमंत्री को नीले धागे वाला आवेदन देना है तो गृहमंत्री को लाल धागे वाला आदि आदि… वैसे भूपेश मंत्रिमंडल में एक मात्र आदिवासी घरेलू महिला अनिला रविन्द्र भेडिय़ा भी शामिल है जिन्होंने समाजशास्त्र में एम.ए. किया है उनके पति स्व.रविन्द्र भेडिय़ा सेवा निवृत्त पुलिस महा निरीक्षक थे । वैसे भूपेश ने आम छत्तीसगढिय़ा को नेतृत्व देने का प्रयास तो किया ही है…।

कलकत्ता से लंदन चलती थी एक यात्री बस……    

एक वक्त था ज़ब दुनिया का सबसे लम्बा मोटर मार्ग था कलकत्ता से लंदन..और इस मार्ग पर बस भी चलती थी….यह बस दिनांक 15 अप्रेल 1957 को शुरू हुई थी और आखरी बार 1973 तक चली फिर बंद कर दी गईं। इस बस का किराया शुरू हुआ था 85 पाउंड के करीब… और जब बंद हुई तब तक किराया 145 पाउंड यानी 13 हजार 144 ₹ हो चुका था बस का मार्ग था कलकत्ता से बनारस, इलाहाबाद, आगरा, दिल्ली से होकर लाहोर,रावलपिंडी, काबुल, कंधार, तेहरान, इस्तांबुल से बुलगेरिया, युगोसलाविया, वीएना से वेस्ट जर्मनी और बेलजियम से होते हुए 20300 मील का सफ़र करते हुए 11 देश (उस समय) पार करते हुए तीन महीने में लंदन पहुँच जाती थी lबस में सारी सुविधाएँ थी जैसे किताबें, रेडियो, पंखे, हीटर और खाने पीने की व्यवस्था….इस बस का नाम था अल्बर्ट….।

नेहरू और झीरम शहीदों की स्मृति में स्मारक …..     

जगदलपुर के ऐतिहासिक लालबाग मैदान में जहाँ 1950 मेँ कभी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की आम सभा हुई थी उसी मैदान मेँ झीरम मेमोरियल का काम शुरू कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत 25 मई 2013 को झीरम घाटी कांड में शहीद हुए 17 कांग्रेसियों की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके अलावा इस हमले में शहीद अन्य लोगों के नामों के शिलालेख भी स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयास से प्रदेश में पहली बार इस तरह का कोई मेमोरियल बन रहा है। कलेक्टर रजत बंसल की मानें तो लालबाग मैदान में 34 करोड़ रुपए की लागत से झीरम और नेहरु मेमोरियल का निर्माण करवाया जा रहा है। इसका काम इसी साल मार्च-अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। इधर पता चला है कि 25 मई को इस साल इस नए मेमोरियल में कांग्रेस पार्टी के आला नेता जुटेंगे और अपने दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देंगे। इस साल हमले की नौवीं बरसी होगी और इस दिन कांग्रेस एक बड़े आयोजन के साथ अपने नेताओं को याद करेगी।हमले में शहीद इन प्रमुख नेताओं की लगेगी प्रतिमा झीरम घाटी कांड में शहीद होने वाले तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल समेत अन्य नेताओं की प्रतिमा लगाई जाएगी। प्रतिमा का निर्माण शहर में नहीं होगा। सभी प्रतिमाएं बाहर से मंगवाई जाएंगी। इसके अलावा हमले में शहीद बाकी लोगों के नाम का शिलालेख तैयार करवाया जाएगा। शिलालेख में उनके नाम होंगे जो कांग्रेस के काफिले में उस वक्त शामिल थे। जिनमें नेताओं के सुरक्षा कर्मी, निज सहायक, ड्राइवर व अन्य लोगों के नाम होंगे।
पं. जवाहर लाल नेहरु 50 के दशक में प्रधानमंत्री के रूप में जब बस्तर पहुंचे थे तो उन्होंने लालबाग मैदान से ही जनता को संबोधित किया था। वहीं पर इस प्रोजेक्ट के तहत नेहरु मेमोरियल का निर्माण करवाया जा रहा है। इस मेमोरियल में पं. नेहरु की आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी। साथ ही उनके पसंदीदा गुलाब के फूलों की बगिया भी तैयार की जाएगी।

राहुल,सिंधिया एपिसोड और मूणत……     

पहले राहुल गाँधी को भाजपा द्वारा काले झंडे दिखाने का प्रयास…फिर भाजपा नेता तथा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेसी द्वारा काले झंडे दिखाने के नाम पर काले कपड़े पहने दो लोगों की पिटाई, राजेश मूणत को हिरासत में लेने, पिटाई काआरोप, थाने में पुलिस से गाली गुफ्तार फिर बिना किसी आश्वासन के मामले का खात्मा चर्चा में रहा…
5 फरवरी को वरिष्ठ विधायक बृजमोहन रायपुर एसएसपी से बात कर रहे थे, अचानक राजेश मूणत, बृजमोहन को हाथ जोडकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी बात पहुंचाने, मिलीभगत का आरोप लगाकर धरना चालू रखने की घोषणा भी चर्चा में रहा…वहीं पुलिस सूत्रों के अनुसार पूर्व मंत्री ने पुलिस कर्मियों के साथ काफी अभद्रता की थी। पूर्व मंत्री के साथ किसी ने मारपीट नहीं किया है।
दरअसल मंत्री रूद्र गुरू के बंगले के बाहर कथित तौर पर खड़े दो युवकों ने काले कपड़े पहन रखे थे उन्हे विरोधकर्ता समझ लिया गया,भीड़ में कुछ लोगों ने (भाजपा कार्यकर्त्ताओं पर आरोप )धुनाई कर दी। जबकि उन्होने पुलिस को बयान में बताया कि वे मंत्री तथा समाज के गुरु रूद्र कुमार से मिलने आए थे उन्हे तो मालूम भी नहीं था कि होटल में कौन आया है और क्या हो रहा है….?काले कपड़े तो उन्होंने संयोगवश पहन रखे थे…क्या ऐसा पहनना गुनाह है? उन्होने भी रिपोर्ट लिखवाई है। फिलहाल लता मंगेशकर के निधन से मामला टल गया है लेकिन आगे भाजपा की आपसी गुटबाजी सतह पर जरूर आ गईं है….?

दीपांशु एडीजी, तो कुछ बनेंगे आईजी, डीआईजी….

1997बैच के आईपीएस दीपांशु काबरा की ही जल्दी ही एडीजी पद पर पदोन्नति होनेवाली है। ये अभी परिवहन और जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त की जिम्मेदारी सम्हाल रहे हैं।वहीं छ्ग में 2004बैच के आईपीएस नेहा चम्पावत, अजय यादव, बद्री मीणा तथा डॉ संजीव शुक्ला आईजी तो 2008बैच के पारुल माथुर, प्रशांत अग्रवाल, नीतू कमल, डी श्रवण, मिलना कुर्रे, कमल लोचन कश्यप और के एल ध्रुव को डीआईजी पदोन्नति भी जल्दी होने जा रही है….।

और अब बस….

16अरब की धान खरीदी कर राजनांदगांव बना छ्ग में अव्वल…95%किसानों ने बेचीं फसल..बधाई कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा और उनकी टीम को…
0लोकसभा में पीएम मोदी का आरोप था कि कोरोना काल में लोगों को कांग्रेसी रेल टिकट देकर बिहार, उप्र जाकर कोरोना फैलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे… अरे साहब उस समय तो आपने ही लॉक डाउन लगाकर रेल सेवा बंद कर दी थी फिर रेल टिकट……
0छ्ग की राजनीति में ‘पांडेज’का समय खराब चल रहा है… वीरेंद्र पांडे, सरोज पांडे, प्रेम प्रकाश पांडे के बाद अब शैलेश पांडे के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं….?
0खैरागढ़ विस उपचुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है बस चुनाव आयोग की घोषणा का ही इंतजार है..

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *