मुंबई : ताउते के तांडव के चलते महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से 175 किलोमीटर दूर समुद्र में मंगलवार को बार्ज पी305 डूब गया। उस पर मौजूद 273 में से 184 लोगों को नौसेना के जांबाजों ने तेज हवा और उफनती लहरों के बीच से बचा लिया। समुद्र की उफनती लहरों के बीच कई घंटों तक फंसे रहने के बाद जब बार्ज पी305 के क्रू मेंबर मुंबई बंदरगाह पहुंचे तो उनकी आंखों से आंसू छलक गए। क्रू के सदस्यों ने यहां समुद्र में मौत को मात देकर जिंदगी जीतने की खौफनाक आपबीती सुनाई।
भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस कोच्चि बार्ज पी305 से बचा कर लाए गए कर्मचारियों को लेकर जब तट पर पहुंचा, तो ओएनजीसी के कर्मचारियों ने अपनी खौफनाक आपबीती मीडिया को बताई। ये सभी कर्मचारी समुद्र के बीच उफनाती लहरों लाइफ जैकेट के सहारे तकरीबन 11 घंटे तक जिंदगी और मौत के बीच झूलते रहे।
#WATCH | A crew member of Barge P305 breaks down while speaking of Indian Navy's rescue operations. He was rescued by INS Kochi and brought to Mumbai.
A total of 184 people have been rescued so far, search and rescue operations are still going on.#CycloneTauktae pic.twitter.com/7e8JU3zcT5
— ANI (@ANI) May 19, 2021
हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन…
बंदरगाह से निकल कर बस में बैठते हुए क्रू के सदस्यों ने बताया कि जैसे ही बार्ज पी305 डूबने लगा तो हमसे ज्यादातर ने समुद्र में छलांग लगा दी। एक सदस्य ने बताया, ”हमारी हालत तो बहुत खराब थी। नौसेना हम लोगों को वहां से बचाकर लाई है। हम लोगों को आर्मी ने दो बजे रात में पानी में डूब चुके बार्ज से उठाया। हम लोग करीब 11 घंटे तक उफनाती लहरों में घूमते रहे, लेकिन वहां हमें बचाने वाला कोई नहीं था। चारों तरफ पानी ही पानी और चक्रवात के बीच हम लोगों ने जीने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। बचना बहुत मुश्किल लग रहा था। उन्होंने (नौसेना के जवानों) हम लोगों को कैसे बचाया, यह वे ही जानते होंगे।
नौसेना न पहुंचती, तो हम जिंदा न होते..
अमित कुशवाह नाम के एक अन्य सदस्य ने बताया, ”बार्ज डूब रहा था, इसलिए हमें समुद्र में छलांग लगानी पड़ी। मैं 11 घंटे तक समुद्र में रहा। उसके बाद नौसेना ने हमें बचाया। अगर नौसेना वक्त पर ना पहुंचती, तो आज हम जिंदा न होते।” वहीं दूसरे शख्स ने बताया कि हम लोग पांच-छह घंटे पानी में तैरे। तैरने के बाद हम लोग बेहोश हो गए थे। बेहोश हालत में नौसेना ने रस्सी फेंककर हम लोगों को रेस्क्यू किया। अपना हाथ दिखाते हुए उसने बताया कि उनका हाथ रेस्क्यू के दौरान थोड़ा कट गया।
आईएनएस कोच्चि के कैप्टन ने बताया समुद्र का हाल…
राहत व बचाव अभियान में लगे आईएनएस कोच्चि के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन सचिन सकेरिया ने बताया, इनपुट्स मिले थे मुंबई से करीब 35-40 मील की दूरी पर बार्ज पी305 मुसीबत में है। इसके बाद हमारा जहाज बेहद मुश्किल हालातों से गुजरते हुए आगे बढ़ा। तूफान मुंबई के पश्चिम से बस गुजर ही रहा था। जब हम मौके पर पहुंचे तो हालात संभाल लिए। साइट पर बाकी जहाजों के साथ हमने बार्ज और क्रू को हरसंभव मदद दी। ऑपरेशन अब भी जारी है। साइट पर भारी संख्या में नौसेना के जवान मौजूद हैं। मेरा जहाज बस अभी लौटा है। करीब 184 लोगों को बचाया गया है, जिनमें से 125 मेरे जहाज पर हैं