किसी भी प्रदेश में जनता की चुनी हुई सरकार का काम ही है उसके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराना। जनता क्या चाहती है ये संवाद अगर सीधे प्रदेश के मुख्यमंत्री करे तो सबसे अच्छा माना जाएगा। छत्तीसगढ़ में भी विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार मनाया। इस कार्यक्रम के माध्यम से वो सीधे पब्लिक से जुड़े उनकी समस्या सुनी भी ओर हाथों हाथ उसका हाल भी कर दिया। ये बात वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडे ने एक परिचर्चा के दौरान कही। श्री पांडे ने कहा कि वो अपने 45 साल के पत्रकारिता जीवन में कई मुख्यमंत्री देख चुके हैं। उनमें विष्णु देव साय बेहद सरल और सहज हैं ये एक अच्छे राजनेता की अलग पहचान है। अनटोल्ड स्टोरीज मासिक पत्रिका के स्थापना दिवस कार्यक्रम पर आयोजित परिचर्चा में शामिल हुए पूर्व रवि भवन व्यापारी संघ के अध्यक्ष जय नेभानी ने कहा कि हर सरकार को सही फीडबैक तब मिलता है जब वो खुद अपने काम का आंकलन करने जनता के बीच जाए। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के माध्यम से एक अच्छी पहल की है। श्री नेभानी ने कहा कि इसमें एक बात और अच्छे से समझ आई कि समस्याएं तुरंत हल भी हो रही थीं। यानि कहीं कोई अफसर इसे टाल नहीं सकता था। कभी पेड़ के नीचे तो कभी किसी गांव में खाट पर बैठे हमने मुख्यमंत्री को समस्याएं सुनते देखा ये अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि जनता सरकार को चुनती है तो उसका फर्ज भी बनता है कि सरकार सीधे संवाद कर परेशानियों को दूर करे। साहित्यकार और लेखक विनोद काशिव ने सुशासन तिहार और सरकार विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि जनता के बीच जाकर समस्याओं को सुनना और हल करना एक अच्छा कदम है। इससे पता चलता है कि किस तरह सरकार में योजनाओं पर काम हो रहा है। पब्लिक की सुविधाओं के लिए तो योजनाएं बनती हैं। फिर बात आती है इनके लागू कराने और बेहतर क्रियान्वयन की जिसमें आधिकारियों का बड़ा रोल होता है। अगर वो सही काम करें तो एक बेहतर राज्य का निर्माण हो सकता है। लेकिन कुछ जगह देखने में आया कि अफसरों की रुचि काम में कम रही इस बात का खुलासा हुआ तो मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तुरंत एक्शन लिया। ये एक अच्छे जन सेवक की पहचान है। कोई खराब काम करे तो तुरन्त ही कार्यवाही उसके खिलाफ की जाए। अनटोल्ड स्टोरीज पत्रिका के परिचर्चा कार्यक्रम में प्रधान संपादक विशाल यादव ने सुशासन तिहार और सरकार विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जनता से संवाद एक अच्छी पहल है। सीधे फीडबैक मिलता है और सरकार को अपने काम में और बेहतर करने का अवसर मिल जाता है। परिचर्चा में अपनी बात को विराम देने से पहले उन्होंने आभार भी जताया।


