शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
80 साल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कॉंग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है, कॉंग्रेस अध्यक्ष बनना उनके लिये चुनौती नहीं है… उनके लिये असली चुनौती तो हाल ही में कुछ राज्यों सहित लोक सभा चुनाव में कांग्रेस क़ी खोई प्रतिष्ठा लौटाना होगा। हाल ही में उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ये फैसला कांग्रेस के चिंतिन शिविर में पास हुए प्रस्ताव के बाद लिया। दरअसल, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है,इसको देखते हुए उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता के पद से अपना इस्तीफा दिया है। बता दें कि इसी साल उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतिन शिविर में एक प्रस्ताव पास किया गया था। जिसमें एक नेता एक पद के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे 9 बार विधायक और 3 बार सांसद रह चुके हैं। वे लोकसभा और राज्य सभा में कांग्रेस के नेता भी रह चुके हैं।इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे साल 2020 में कर्नाटक से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें साल 2021 में राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर चुना गया था।वैसे राज्य सभा में कॉंग्रेस क़ी तरफ से नेता पद के लिये दिग्विजय सिँह का नाम चल रहा है।
किसान भूपेश और
उनकी बाड़ी…..
भूपेश बघेल अपने गांव कुरुदडीह में परिवार सहित पहुंचकर अपने खेत, अपनी बाड़ी का अवलोकन किया… सीएम क़ी बाड़ी में करेला,भाटा भिंडी,कोचई पत्ता , मिर्ची आदि लगाया गया है…. वैसे पहले तो वहाँ हमेशा जाना होता था पर सीएम बनने के बाद समय कम ही मिल पाता है पर समय मिलते ही खेत – बाड़ी क़ी तरफ भूपेश निकल जाते हैं। वैसे अपने खेती किसानी के अनुभव के आधार पर ही उन्होंने नरवा, गरुवा,घुरवा और बाड़ी योजना शुरू क़ी है जिसका अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।इधर आजकल श्रीमती बघेल खेती किसानी के काम पर निगाह रखती हैँ….।
शराब बंदी और प्राकृतिक
आपदा का डर…..?
छ्ग के बुजुर्ग कॉंग्रेसी तथा विधायक सत्यनारायण शर्मा न तो शराब बंदी का कोई हल निकाल पाए हैं और न ही स्काई वाक के बारे में…. दोनों मसले सुलझाने की जिम्मेदारी भूपेश बघेल ने इन्ही को ही सोंपी है…..!छत्तीसगढ़ में कॉंग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले अपने घोषणापत्र में छ्ग में उनकी सरकार बनने पर शराब बंदी का वादा किया था और भूपेश सरकार बनने के बाद 3 साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी छ्ग में शराब बंदी नहीं हो सकी है और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा इसे लेकर सरकार को निशाने पर लेती रहती है, सरकार ने हालांकि शराब बंदी के लिये वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई है। कांग्रेस के सूत्र कहते हैं कि कई राज्यों से घिरे छ्ग में अचानक शराब बंदी करना उचित नहीं होगा… खैर छग क़ी भूपेश सरकार शराब बंदी नहीं करने के पीछे कुछ तर्क भी हो सकते हैं…..?गुजरात में 1965 में शराबबंदी की गई थी और 1968 में बाढ़ से भयंकर तबाही मची..2015 में बिहार में शराबबंदी की गई और वहां 2016-2017 में भयानक बाढ़ आई, कई लोग मारे गये…., 2017 में केरल में शराबबंदी की गई और 2018 में केरल में भारी बाढ़ का नजारा देखने मिला था…. तो क्या ऐसी किसी प्रकृतिक आपदा के डर से छ्ग में शराब बंदी लागू नहीं क़ी जा रही है….?
दो आईएएस सिंहों
का रिकार्ड…..
आईएएस गौरव सिंह सिर्फ 2महीने में मुंगेली तो 3महीने में बालोद की कलेक्टरी से हटा दिये गए, हाँ,सूरजपुर में जरुर वे एक साल तक कलेक्टरी करने में सफल रहे….2013 बैच के गौरव सिंह 3 जिले में एक साल 5 महीने कलेक्टरी करने का रिकार्ड दर्ज हो चुका है। तत्कालीन कलेक्टर द्वारा एक बच्चे से मारपीट करने के कारण सीएम भूपेश बघेल ने उन्हें तत्काल हटाकर गौरव सिंह को सूरजपुर में पहली बार कलेक्टर बनाया था। इधर प्रमोटी आईएएस डोमन सिंह को मुंगेली, कोरिया, कांकेर,पेंड्रारोड गौरेला, महासमुंद बलौदाबाजार के बाद राजनांदगांव का कलेक्टर बनाया गया है… एक छत्तीसगढ़िया प्रमोटी आईएएस अफसर की इस उपलब्धि कई लोगों के लिए ईर्ष्या का कारण भी बन सकता है… खैर 2009 बैच के डोमन सिंह रायपुर में एडीऍम भी रह चुके हैँ…..बालोद जिले के रहने वाले डोमनसिंह कांकेर में अधिक समय नहीं रह सके क्योंकि उनकी पदस्थापना के बाद ही लोक सभा चुनाव की घोषणा हो गई और कांकेर लोक सभा के अंतर्गत बालोद आता है इसलिए गृह जिला होने के कारण वे जल्दी हटा दिये गये.. बहरहाल अभी तक छ्ग राज्य बनने के बाद 4जिलों में कलेक्टर बनने का रिकॉर्ड सुबोध सिंह, ठाकुर रामसिंह, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सोनमणि वोरा, दयानन्द, भीम सिंह तथा एक मात्र महिला अधिकारी किरण कौशल के नाम दर्ज है। ठाकुर राम सिंह प्रमोटी आईएएस होने के साथ ही रायपुर, बिलासपुर रायगढ़ तथा दुर्ग जैसे बड़े जिले में सफल कलेक्टरी करने का रिकॉर्ड बना चुके हैँ…
आईपीएस मुकेश
एडीजी पद से ही रिटायर…
छ्ग कॉडर 1998 बैच के आईपीएस अफसर मुकेश गुप्ता बतौर एडीजी ही 30को सेवा निवृत हो गए।रिटायरमेंट से ठीक एक पखवाड़े पहले गृह मंत्रालय ने उनका निलंबन समाप्त किया था। मुकेश गुप्ता को छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने पहले डीजी से एडीजी पदानवत किया फिर 2019 में निलंबित कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, 16 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के एडीजी मुकेश गुप्ता को लेकर आदेश जारी किया। जिसमें एडीजी गुप्ता का निलंबन उनकी ओर से दी गई अपील, राज्य सरकार के नोट और संबंधित कोर्ट के ऑर्डर पर विचार के बाद रद्द किया गया।आईपीएस मुकेश गुप्ता पिछले साढ़े तीन साल से निलंबित थे।
और अब बस….
0आई जी, एस पी,कलेक्टर और एडीशनल एसपी 3-4 महीनों में क्यों हटाए जा रहे हैं…?
0दिल्ली आयकर विभाग के नोटिस से एक अफसर और उनका युवा पुत्र परेशान तो है….?
0छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के पीछे सिर्फ खेल ही तो नहीं है…?
0धमतरी में भाजपा की गुप्त बैठक में कई बड़े नेताओं को नहीं बुलाना चर्चा में है..?