आंसू तमाम शहर की आंखों में है मगर…. हाकिम बता रहा है कि सब ठीक-ठाक है….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )     

पश्चिम बंगाल के चुनाव में दीदी (ममता बेनर्जी) की पार्टी टीएमसी ने अपनी जीत दर्ज कर ली है। दीदी स्वयं विधानसभा चुनाव हार गई पर तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुकी है,6 माह के भीतर उन्हें किसी विधानसभा से विधायक बनकर संवैधानिक औपचारिकता पूरी करना है…खैर पश्चिम बंगाल का चुनाव भारतीय जनता पार्टी या तृणमूल कांग्रेस के बीच नहीं अपितु एक तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच ही था…! आजादी के बाद संभवत: पहली बार हो रहा था जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह किसी राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव का नेतृत्व कर रहे थे…गृहमंत्री ने तो पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार नहीं बनने पर इस्तीफा देने की भी सार्वजनिक घोषणा की थी पर …। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी चुनावी सभा में उमड़ी भीड़ देखकर गदगद थे, “दादी ओ दीदी ” का डॉयलाग बोलकर आनंदित हो रहे थे। इधर आज पूरे देश में 4 लाख अधिक प्रतिदिन कोरोना मरीज मिल रहे हैँ,3500 से 4000 लोगों की मौत हो रही है, यह ठीक है कि 3 सीटों से 75 सीटों का सफर भाजपा ने पश्चिम बंगाल में तय कर लिया है, कांग्रेस तथा कम्युनिस्ट भी पश्चिम बंगाल मुक्त हो गई है…..पर एक राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए देश को कोरोना काल में बेसहारा छोडऩे, हजारों, लोगों की मौत के लिए राज्य सरकारों से अधिक केंद्र सरकार भी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है…..!देश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था, दवाई,डॉक्टर,आक्सीजन की कमी, अस्पतालों में पर्याप्त बेड की कमी से देश में हाहाकार मचा हुआ है.. ..,कोरोना की अब तीसरी लहर भी आने की संभावना है क्योंकि इतिहास गवाह है कि ऐसी महामारी 3-4 लहरों में विस्तारित होती रही है। पहली लहर में वृद्धजन, दूसरी लहर में युवा प्रभावित हुए तो तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की संभावना अभी से प्रकट की जा रही है….?
पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पांडिचेरी में जनता ने अगले 5 साल के लिए अपना जनमत दे दिया है पर इसी के साथ ही इन राज्यों में चुनावों के परिणामों के साथ कोरोना का कहर है…. तो महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़ में भी कोरोना की भयावहता परिलक्षित हो रही है। कोरोना से बचाव के लिए एकमात्र वैक्सीन का ही सहारा है पर इस मामले में केन्द्र सरकार की अदूरदर्शी नीति सामने आई है। 45 साल के उपर के लोगों तो केन्द्र सरकार सरकारी केन्द्रों में नि:शुल्क वैक्सीन लगवा रही है पर 18 साल से 45 साल की उम्र के लोगों के लिए राज्य सरकार द्वारा खरीदकर वैक्सीन लगाने की नीति बनाई है इसका विरोध भी हुआ केंद्र को 150 और राज्यों को 300- 400 में वैक्सीन उपलब्ध कराने की नीति पर राज्य सरकारें किसी तरह सहमत भी हो गई पर राज्य सरकार वैक्सीन खरीदने पर में भी सफल नहीं हो पा रही है, क्या केंद्र सरकार ने नई नीति बनाने के पहले वैक्सीन की सुलभता और निर्माण संख्या पर बातचीत वैक्सीन कंपनियों से नहीं की थी…? कहां है केंद्र सरकार का मीडिया सेल…। छात्र आंदोलन करते हैं तो उन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग साबित किया जाता है….., किसान आंदोलन करते हैं तो उसे खालिस्तानी साबित करने की कोशिश होती है…., लोग व्यवस्था को लेकर सवाल करते हैं तो सरकार उसे राष्ट्रद्रोही कहती है…। लोग काम की बात चाहते हैं तो सरकार मन की बात करती है… लोग रोजगार की खोज में है तो सरकार कहती है पकोड़े तलो…। महामारी के इस नाजुक दौर में लोग कोरोना से लडऩा चाहते हैं, राज्य सरकारें, केंद्र के साथ होकर इसका मुकाबला करना चाहती है तो सरकार ऐसे नाजुक वक्त में आत्मनिर्भर होने का ज्ञान देती है… देश में लोग वैक्सीन की तलाश में है…. आक्सीजन की तलाश में है….. तो सरकार कहती है कोई कमी नहीं है.. लोग कहते हैं कि वे खतरे में है और सरकार कहती है कि धर्म खतरे में हैं….अब तो देश के न्यायालय भी केंद्र सरकार की व्यवस्था पर तीखी टिप्पणी करने में पीछे नहीं है पर केंद्र सरकार तो देश की सम्पत्तियां बेचने में ही लगी है….

बीएसपी, विद्याचरण और बस्तर….   

आजादी के कुछ वर्षों बाद ज़ब छत्तीसगढ़, म.प्र. का अंग बन चुका था तब इसकी चर्चा भिलाई इस्पात संयंत्र, राजनेता विद्याचरण शुक्ल तथा आदिवासी अंचल बस्तर को लेकर होती थी। लोग पूछते थे कि आप उसी छत्तीसगढ़ के रहने वाले है जहां भिलाई इस्पात संयंत्र है…., जहां का राजनीतिक नेतृत्व विद्याचरण शुक्ल करते हैं…..,बस्तर के बारे भ्रान्तियां थी कि आदिवासी अंचल बस्तर में अभी भी लोग नंद,-धड़ंग तीर कमान लेकर घूमते हैं…..। खैर बस्तर की घोटूल, वहां की आदिवासी संस्कृति, जलप्रपा त,जंगल सहित वहां की परंपरा (दशहरा पर्व) आदि को लेकर देश विदेश में चर्चा में रहा तो विद्याचरण शुक्ल केंद्र में लंबे समय तक छग का नेतृत्व करने, मंत्री रहने के कारण देश-विदेश में चर्चा में रहे… हाल ही जम्मू कश्मीर के पूर्व गर्वनर जगमोहन का निधन हो गया है। 1986 में जब मैं श्रमजीवी पत्रकार संघ का नेशनल कौंसिल का मेम्बर था तब श्रीनगर के अधिवेशन में शामिल होने गया था तब वहां राज्यपाल जगमोहन थे एक दिन उन्होने पत्रकार संघ के सदस्यों को सामूहिक भोज दिया था। वहां मेरी मुलाकात उनसे हुई थी, मैं रायपुर (छत्तीसगढ़) से आया हूं यह जानकर वह बड़ी देर तक विद्याचरण शुक्ल के विषय में बातचीत करते रहे मसलन वे किस लोकसभा से लड़ते हैं…, उनका क्या जादू कायम है.. जब उन्हें पता चला कि शुक्ल की लोकसभा महासमुंद में एक भी बड़ा उद्योग नहीं है, मुख्य रेल लाईन से भी वह क्षेत्र नहीं जुड़ा है… उन्हें बड़ा आश्चर्य भी हुआ था…। उन्होंने विद्या भैया के राजनीतिक़ अंदाज तथा देश विदेश में प्रभाव की भी प्रशंसा की थी खैर इस पर फिर कभी…।
अब बात करते हैं छग के भिलाई इस्पात संयंत्र की… केंद्र की मोदी सरकार या भाजपायी भले ही नेहरूजी पर कितनी भी गलत- सलत टिप्पणी करें पर आज भी पंडित रविशंकर शुक्ल के प्रयास तथा प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पहल से स्थापित आधुनिक भारत का तीर्थ “भिलाई इस्पात संयंत्र “कोरोना महामारी के कठिन समय में छग सहित कई राज्यों को आक्सीजन देकर लोगों के जीवन की रक्षा कर रहा है कोरोना काल में जब देश में आक्सीजन सिलेण्डर के लिए हाहाकार मचा है तब छग कई राज्यों में जीवनदायक आक्सीजन पहुंचा रहा है… मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मानें तो कोरोनाकाल में छत्तीसगढ़ आक्सीजन उत्पादक राज्य बनकर उभरा है, यहां से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिसा, उत्तरप्रदेश सहित कुछ राज्यों में आक्सीजन की आपूर्ति की गई है। दरअसल छग में 386-92 मिट्रिक टन आक्सीजन का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है और छग की जरूरत मात्र 160 मीट्रिक टन प्रतिदिन है, शेष आक्सीजन की आपूर्ति अन्य राज्यों में हो रही है। इसमें भिलाई इस्पात संयंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है, दूसरी पंचवर्षीय योजना में इसकी स्थापना पं. जवाहर लाल नेहरू की पहल से हुई थी।

एक अनुकरणीय पहल    

कोरोनाकाल में ही छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत, तथा कोरबा की सांसद ज्योत्सना महंत की सुपुत्री डॉ. सुप्रिया का विवाह अवधेश संग कोरोना प्रोटोकाल के नियमों के साथ संपन्न हुआ, इस विवाह कार्यक्रम में महंत परिवार के मात्र 3 लोग ही शामिल हुए, संपूर्ण विवाह कार्यक्रम सादगी के साथ हुआ, यह विवाह एक आदर्श और मिसाल के रूप में अनुकरणीय रहा…। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उपस्थित होकर नव युगल को शुभाशीष भी दिया। डॉ. महंत ने स्वयं लोगों से कार्यक्रम में शामिल ना होकर अपने,-अपने घर से ही आर्शीवाद देने की अपील की थी।

और अब बस…

0 पश्चिम बंगाल में पिछली बार 44 कांग्रेस के विधायक थे इस बार कोई भी नहीं जीता….
0 पांचो राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद लगातार हर दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है क्यों?
0 छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन प्रचार-प्रसार से दूर रहकर कोरोनाकाल में लोगों की मदद कर रहे हैं…।
0 छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनसुईया उइके के पत्र के बाद वनमंत्री मो. अकबर ने जवाब में कहा है कि वनोपज संग्रहण तथा खरीदी में छग देश के शीर्ष पर चल रहा है।
0 छत्तीसगढ़ में कलेक्टर, एसपी के तबादले पर कोरोना का कारण ग्रहण लग गया है।

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