ये तेरे फ़न पे कोई शक़ नहीं, सवाल है बस…….. तू मुक़म्मल है तो हम लोग, अधूरे क्यों है…….!

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )                     …

तेरे करीब आकर बड़ी उलझन में हूँ…… मै गैरों में हूँ या तेरे अपनों में हूँ……

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )     भारतीय जीवन का वर्तमान दौर निःसन्देह सबसे चिंताजनक कालचक्र…

मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना….. अच्छा नही है, इतना बड़ा हो जाना…..

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )      पटना में 14 विपक्षी दलों की एक बैठक…

अपना क्या है इस जीवन में, सब कुछ लिया उधार…. सारा लोहा तुम लोगों का , अपनी केवल धार….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )     मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत…