सुनो हवाओ, चिरागों को छोड़ दो तनहा… जो जल रहे हैं उन्हें और क्या आजमाना…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )     लेखक मुंशी प्रेमचंद ने कहा था….लोग कहते हैँ कि…