हम तेरे लख़्त-ए-जिगर हैं कि खिलौने तेरे…… ख़ुद ही गढ़ता है तू, ख़ुद कैसे तोड़ देता है……!

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    ईडी जब नगद,सामग्री या प्रॉपर्टी की जब्ती करती है…