कभी तिनके,कभी पत्ते, कभी खुशबु उड़ा लाई… हमारे घर तो आंधी भी कभी तन्हा नहीं आई…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )        रेल हादसे का कारण तो दिखाई देता…