ये सियासत के चश्मे कुछ धुंधले हो गये हैं…. चुनावी वादेआजकल सिर्फ जुमले हो गये हैं….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )                       …

तुम ये न समझ लेना क़ि, हम वादा-शिकन निकले…. कुछ देर तो लगती है, वादों को निभाने में….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )      ‘ज़ब तक बस्तर के लोग सहमत नहीं होंगे…

सब कुछ है मेरे देश में रोटी नहीं तो क्या… वादे लपेट लो जो लंगोटी नहीं तो क्या….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )  देश में आजकल ‘लव जिहाद’, आत्मनिर्भर भारत, ‘एक देश एक…

ये सियासत के चश्मे कुछ धुंधले हो गये हैं… चुनावी वादे आजकल सिर्फ जुमले हो गये हैं…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )     केंद्र सरकार के 3 किसान बिलों के विरोध में…