अब ना मैं हूँ,ना बाकी हैं ज़माने मेरे​….. फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​…..

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत…

तेरे करीब आकर बड़ी उलझन में हूँ…… मै गैरों में हूँ या तेरे अपनों में हूँ……

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )     भारतीय जीवन का वर्तमान दौर निःसन्देह सबसे चिंताजनक कालचक्र…

मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना….. अच्छा नही है, इतना बड़ा हो जाना…..

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )      पटना में 14 विपक्षी दलों की एक बैठक…

मैं चराग हूं,न छत है, न दीवार मेरी…… हवाएं फिर भी करती हैँ, मुखाल्फ़त मेरी……

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )                     …

मेरी ‘तरक्की’ कर्ज में डूबी है, लगता है… कई सालों से मेरी ‘मेहनत’ नहीं बिकी…

    शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    छ्ग की भूपेश सरकार पर कर्ज लेने…

हम तो बेबस थे कि यूं दर पे गिर गये तेरे… तू तो पत्थर था, मेरी आंखों में आंसू कैसे…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )  अब यह इत्तेफाक है या कोई रहस्य… पिछली चार सदियों…