‘‘मैं इन बेपनाह अंधेरों को सुबह कैसे कहूं…. मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं….”

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    देश में आपातकाल जैसे हालात है, देश की वर्तमान…

शाम तक सुबह की नजरों में उतर जाते हैं…. इतने समझौतों पर जीते हैं कि मर जाते हैं…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    उत्तरप्रदेश में रामराज्य स्थापित करने का प्रयास हो रहा…