‘‘मैं इन बेपनाह अंधेरों को सुबह कैसे कहूं…. मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं….”

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    देश में आपातकाल जैसे हालात है, देश की वर्तमान…