‘‘मैं इन बेपनाह अंधेरों को सुबह कैसे कहूं…. मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं….”

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    देश में आपातकाल जैसे हालात है, देश की वर्तमान…

चोरी न करें झूठ न बोलें तो क्या करें… चूल्हे पे क्या उसूल पकाएंगे शाम को….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )  छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी सांप-सीढ़ी का खेल चल रह…