नज़र आती नहीं उसकी आँखों में तो ख़ुशहाली…. कहाँ तुम रात-दिन झूठे उन्हें सपने दिखाते हो….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )  विश्व के सबसे बड़े लोक तंत्र में लोस चुनाव में…

टूट चुकी हूँ इतनी की अब न जुड़ पाऊँगी…. कफस में कैद बुलबुल अब उड़ न पाऊँगी….

शंकर पांडे  ( वरिष्ठ पत्रकार )    नोयडा (दिल्ली) में दो इमारतों के ध्वस्त होने पर…