टूट चुकी हूँ इतनी की अब न जुड़ पाऊँगी…. कफस में कैद बुलबुल अब उड़ न पाऊँगी….

शंकर पांडे  ( वरिष्ठ पत्रकार )    नोयडा (दिल्ली) में दो इमारतों के ध्वस्त होने पर…

बुलबुल को बागबां से, न सय्याद से गिला… किस्मत में कैद लिखी थी, फसल ए बहार में…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )       लोकसभा के बाद ध्वनिमत से किसी तरह राज्यसभा…