भोपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर द्वारा अपनी फेसबुक वॉल पर 4 जनवरी से 10 जनवरी तक अज्ञातवास पर जाने की व इस दौरान दूरभाष तक से दूर होने की बात लिखी जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे समय जब प्रदेश के छतरपुर में एक किसान द्वारा बिजली अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई और अपने सुसाइड नोट में अपने शव शव को अधिकारियों को सौंप कर उसके एक-एक अंग को बेचकर बिजली बिल वसूली की बात लिखी गई , ऐसे समय जब प्रदेश की जनता बिजली दर वृद्धि और भारी-भरकम बिजली बिल को लेकर अक्रोशित है , ऐसे संकट के समय प्रदेश के ऊर्जा मंत्री द्वारा एक सप्ताह के लिए अज्ञातवास पर जाना और उसकी जानकारी भी नहीं देना ,दूरभाष से भी दूर रहना , बेहद ही गैर जिम्मेदाराना आचरण है।
आज ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को लेकर अपनी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक रखी थी , उससे भी मंत्री प्रद्युमन तोमर ने दूरी बनायी , इससे समझा जा सकता है कि उनके अज्ञातवास के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक कारण भी हो सकता है ? एक दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री जी ने अपनी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ग्वालियर के निगम कमिश्नर को भी हटाया था ,इसको लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं सामने आ रही है। कही मंत्री जी इससे तो नाराज़ नहीं है ?
सलूजा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री व भाजपा का प्रदेश नेतृत्व प्रदेश की जनता को यह स्पष्ट करे कि प्रदेश के उर्जा मंत्री एक सप्ताह के ऐसे कौन से अज्ञातवास पर गए हैं , जिसकी जानकारी प्रदेश की जनता से वो छिपा रहे है ? वे कहां गए हैं ,किस कारण से गए हैं और उनके अज्ञातवास के पीछे क्या कारण हैं एवं ऐसी कौन सी परिस्थिति है कि वह अज्ञातवास के दौरान दूरभाष से भी दूर है ?
एक जिम्मेदार मंत्री का केबिनेट बैठक छोड़ इस तरह से बग़ैर बताये अज्ञातवास पर जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है ?
यह उनकी कर्तव्य के प्रति उदासीनता ,जनता की अनदेखी व लापरवाही को उजागर कर रहा है ?
उनके अज्ञातवास देखते हुए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री का दायित्व किसी अन्य मंत्री को प्रदेश सरकार को तत्काल सौंपना चाहिए।
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