नई दिल्ली : ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की ओर से रूस की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन को भारत में तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मिल गई है। ट्रायल पूरा होते ही इस वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को भी मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद भारत को कोरोना के खिलाफ जंग में एक और हथियार मिल सकेगा।
बता दें कि स्पुतनिक लाइट वैक्सीन की सिंगल डोज ही कोरोना वायरस के खिलाफ काफी होगी। अभी तक जो वैक्सीन भारत में इस्तेमाल की जा रही हैं, वे सभी डबल डोज वैक्सीन हैं।
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने की थी सिफारिश…
रूस की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए कोरोना के लिए बनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने सिफारिश की थी। इतना ही नहीं कमेटी ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए भी सिफारिश भेजी थी, जिसे यह कहते हुए खारिज किया गया था कि वैक्सीन भी अभी तक भारत में ट्रायल नहीं हुआ है। कंपनी का कहना है कि स्पुतनिक लाइट में वही कंपोनेंट प्रयोग किए गए हैं, जो स्पुतनिक-वी में हैं। इसलिए भारतीय आबादी पर इसके असर का डेटा पहले से तैयार है।
स्पूतनिक-वी बनाम स्पूतनिक लाइट
स्पुतनिक-वी, दो शॉट्स वाली वैक्सीन है जिसमें दो अलग-अलग वैक्टर का उपयोग किया जाता है। मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार कोरोना के खिलाफ इसकी प्रभावकारिता 91.6 फीसदी के करीब पाई गई है। वहीं स्पुतनिक लाइट, स्पुतनिक-वी वैक्सीन का पहला घटक है। ब्यूनस आयर्स प्रांत (अर्जेंटीना) के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार इस वैक्सीन की प्रभाविकता 78.6 से 83.7 फीसदी के बीच की पाई गई थी।
स्पुतनिक लाइट क्यों है खास?
लोगों के मन में सवाल है कि पहले से प्रयोग में लाई जा रही स्पुतनिक-वी वैक्सीन के बाद स्पुतनिक लाइट की क्या आवश्यकता हो सकती है? इस संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन के लाइट संस्करण का प्राथमिक लाभ यह है कि कोविड-19 के तेज प्रकोपों के बीच किसी देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज करने में यह सिंगल शॉट वाली वैक्सीन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दिमित्रीव के अनुसार, स्पुतनिक लाइट कम समय सीमा में लोगों के बड़े समूहों को प्रतिरक्षित करने की चुनौती को हल करने का हथियार साबित हो सकती है। औसतन 79.4 फीसदी प्रभाविकता के साथ यह वैक्सीन बेहद ही कम कीमत 10 डॉलर प्रति डोज (करीब 743 रुपए) में उपलब्ध होगी।