समन्दर की ग़लतफ़हमी से कोई पूछ तो लेता….. ज़मीं का हौसला क्या ऐसे तूफ़ानों से कम होगा…..

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    

सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा के लिये चुनी गई हैं।अब तक सिर्फ दो मौके ऐसे आए हैं,नेहरू-गांधी परिवार राज्यसभा में पहुंचे। पहला मौका 1962 मेंऔर दूसरा1964 में आया था।1962 में परिवार से संबंध रखनेवाली उमा नेहरू रास सदस्य बनी थीं।उमा का कार्यकाल ही1962-1963 में रहा था।वहीं,1964 में इंदिरा गांधी भी राज्यसभा पहुंची।इंदिरा गांधी1964 से1967 तक राज्यसभा सदस्य रहीं।दोनों नेताओं ने रास में उप्र का प्रतिनिधित्व किया था।इंदिरा पहली बार पीएम बनीं,उस वक्त वह राज्यसभा की ही सदस्य थीं।1967 के लोकसभा चुनाव रायबरेली सीट से लड़ा और जीत दर्ज की। बाद में रास की सदस्यता छोड़ दी।1967 के बाद इंदिरा लगातार लोकसभा का चुनाव ही जीतती रहीं, निचले सदन में पहुंचती रहीं।1977 की जनतालहर में इंदिरा को रायबरेली से हार मिली तो कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट से उप चुनाव जीता,एक बार फिर लोकसभा पहुंच गईं।1980 में जब इंदिरा फिर से पीएम बनीं तो वह आंध्रप्रदेश की मेंडक सीट से सांसद थीं।1980 में इंदिरा को मेंडक के साथ रायबरेली सीट पर भी जीत मिली थी।रास पहुंचने वाली नेहरू-गांधी परिवार की दूसरी सदस्य उमा नेहरू,जवाहर लाल नेहरू के चचेरे भाई शाम लाल की पत्नी थीं,उमा के पोते अरुण नेहरू,राजीव सरकार में मंत्री रहे थे।उमा और शामलाल के दो बच्चे हुए श्याम कुमारी,आनंद।अरुण नेहरू,आनंद के बेटे थे।उमा पहली और दूसरी लोकसभा में सीतापुर सीट से सांसद रही हैं,62 में वह राज्यसभा की सदस्य बनी थीं।रास सचिवालय कीओर से 2003 में जारी किताब वुमन मेंबर्स ऑफ राज्य सभा में बताया गया है कि उस वक्त जितनी महिलाएं राज्यसभा पहुंची उनमें उमा सबसे उम्रदराज महिला थीं, 1962 में जब वह राज्य सभा की सदस्य बनीं उस वक्त उनकी उम्र 78 साल थी।हालांकि,एक साल बाद ही अगस्त1963 मेंउमा का निधन हो गया।

भाजपा के 303 सांसदों
में 67 तो मूल कांग्रेसी?

भाजपा अभी से दावा कर रही है कि अबकी बार 400 पार…यानि 2024 के लोस चुनाव में भाजपा को 370 और सहयोगी दलों के गठ बंधन को 400 से अधिक सीटों पर जीत मिलेगी।कभी भाजपा के मप्र,छ्ग के विधायक और संसदीय सचिव रहे वीरेंद्र पांडे ने जानकारी साझा की है कि अभी लोकसभा में भाजपा के 303 सदस्यों में से मूल भाजपा के केवल 134 ही सांसद हैं।169अन्य पार्टी से भाजपा में आकर कमल निशान से सांसद बने हैं।
उसमें से 67 तो काँग्रेस से आए हुए हैं।मतलब मूल भाजपा केसांसदों संख्या से आधी काँग्रेस से आयातित की है।भाजपा के सांसदों में मूल भाजपाई की संख्या से अधिक बाहर से पार्टी में आये घुसपैठिये ,आमंत्रित या शरणार्थी कुछ भी कहें, की है।जिस रफ्तार से अन्य पार्टी के नेताओंको भाजपा में प्रवेश कराकर प्रतिष्ठित किया जा रहा है,उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि चुनाव में मोदी-शाह के अलावा ऊंगलियों में गिनने लायक भाजपा सांसद ही संसद में होंगे।कुछ तो पार्टी में आते ही रास सदस्य बन गये हैं।भाजपा में निष्ठावान कार्य कर्त्ताओं की उपेक्षा कर आयातित लोगों को महत्व दिया जा रहा है?

लोस चुनाव:भाजपा,
कांग्रेस की चिंता……   

छ्ग की 11लोकसभा सीटों के लिये भाजपा के 9सांसद चिंतित हैं कि उन्हें फिर से टिकट मिलेगी या नहीं….. क्योंकि 2019 में भाजपा ने सभी सांसदों की टिकट काट दी थी,मौजूदा लोकसभा में से 3अरुण साव,रेणुका सिंह तथा गोमती साय तो विधायक बन चुके हैं वहीं बाकी में कुछ को टिकट मिलेगी ऐसा लगता नहीं है…?वैसे सरोज पांडे भी रास में पुन: नहीं जा पाई हैँ।उनका दावा तो बनता है।इधर कांग्रेस से ज्योत्सना महंत को टिकट मिलेगी यह तय माना जा रहा है,पीसीसी अध्यक्ष सांसद दीपक बैज तो विस चुनाव हार चुके हैं उन्हें प्रत्याशी बनाया जाएगा ऐसा लगता तो नहीं है?भूपेश बघेल,टीएस बाबा चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं,ताम्रध्वज साहू जरूर लोस चुनाव लड़ना चाहते हैं,पर विस चुनाव में हार से उनका दावा भी कमजोर है।वैसे भाजपा की तरह कांग्रेस भी नये उम्मीदवारों को उतारेगी ऐसी संभावना है।

पक्षियों की प्रजातियों
का होगा सर्वें……

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की प्रजातियों का सर्वे,बर्ड काउंटइंडिया बर्ड एंड वाइल्ड लाइफ छग के साथ मिलकर यह सर्वे 25 से 27 फरवरी तक किया जा रहा है,नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में स्थित इस राष्ट्रीय उद्यान में होने वाले सर्वेक्षण में 9 राज्यों के 70 से अधिक विशेषज्ञ शामिल होंगे।200 वर्ग किमी में फैला यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता,जैव विविधता, गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है,इसमें भारत के पश्चिमी घाट,पूर्वी हिमालय में पाए जाने वाले पक्षी भी रहते हैं।पिछले साल इसी तरह का एक सर्वेक्षण किया गया था जिसमें पक्षियों की 201 प्रजातियां की पहचान की गई थी।पहाड़ी मैना,ब्लैक हुडेड,ओरियोल भृंगराज, जंगली मुर्गी,कठफोड़वा, रैकेट टेल,सरपेंटाईगर, आदि शामिल हैं।

और अब बस….

0केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) छग में भी जांच कर सकेगी।प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार ने करीब पांच साल पहले लगी रोक वापस ले ली है।
0 छ्ग में तबादला, नियुक्ति के लिये ऊपर से दबाव बनाने की बात लोग करते हैं पर ऊपर कौन है इसी का पता नहीं है?
0विष्णुदेव सरकार में किस राजपरिवार के सदस्य की जमकर चल रही है?

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