कुछ हार गईं तकदीर, कुछ टूट गये सपने… कुछ गैरों ने किया बरबाद, कुछ भूल गये अपने…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )   

भाजपा ने अपने बुजुर्ग नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी आदि को सक्रिय राजनीति से रिटायर कर मार्गदर्शक मण्डल में भेज दिया वहीँ भारत की मोदी सरकार ने भी उसी तर्ज पर बुजुर्गो को भी घर के भीतर ही रहने सीमित कर दिया है…..?बुजुर्गों की रेल किराये की छूट, रेल का घाटा कम करने के नाम पर समाप्त कर दी है पर सांसदों ,पूर्व सांसदों को यह छूट जारी है क्यों…? आखिर उनकी छूट भी तो हमारे टैक्स के पैसों से ही दी जाती है….?
पिछले तीन साल से रेलवे ने बुजुर्गों के लिए रियायत को खत्म कर दिया है। रेलवे को हर वर्ष लगभग 2 हजार करोड़ रुपये का लाभ यह रियायत बन्द करने से हो रहा है।रेलवे ने जानकारी दी कि सीनियर सिटीजन को किराये में छूट के कारण वर्ष 2018-19 में रेलवे को 1636 करोड़ और वर्ष 2019-20 में 1667 करोड़ का नुकसान हुआ। रेलवे ने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2018-19 में कुल 12.02 करोड़ सीनियर सिटीजन एवं वर्ष 2019-20 में कुल 12.06 करोड़ सीनियर सिटीजन ने रियायती टिकिट पर यात्रा की।आज की स्थिति के आधार पर गणना करें तो रेलवे को हर साल लगभग 2 हजार करोड़ रुपये का लाभ हो रहा है।कोरोना काल के बाद रेल के किराए में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है।
आपको बता दें मार्च 2020 से पहले रेलवे की तरफ से 58 वर्ष या इससे ज्‍यादा उम्र वाली महिलाओं को किराये में 50 प्रत‍िशतऔर 60 वर्ष या इससे ज्‍यादा की उम्र के पुरुषों को 40 प्रत‍िशत की छूट मिलती थी। यह छूट सभी क्लास में रेल का सफर करने पर म‍िलती थी। लेकिन कोरोना काल के बाद ट्रेन का आवागमन बहाल होने पर यह सुव‍िधा खत्म कर दी गई और अभी तक यह रियायत पूरी तरह बन्द है।इस बजट में भी देश के बुजुर्गो को नजर अंदाज किया गया है?इस तरह पिछले 3 साल से सीनियर सिटीजन इस लाभ से वंचित हैं।इधर मौजूदा सांसदों और पूर्व सांसदों को ट्रेनों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जाती है।इस सुविधा का लाभ उठाते हुए कई सासंदों ने मुफ्त में रेलवे के सफर का आनंद जमकर उठाया है। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक ट्रेनों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा से बीते पांच साल में सरकारी खजाने पर 62 करोड़ रुपये का भार पड़ा।मौजूदा सांसद रेलवे की प्रथम श्रेणी की वातानुकूलित श्रेणी या एग्जिक्यूटिव श्रेणी की नि:शुल्क यात्रा की पात्रता रखते हैं।उनके जीवनसाथी भी कुछ शर्तों के साथ मुफ्त यात्रा कर सकते हैं।पूर्व सांसद भी अपने किसी साथी के साथ एसी-2 टियर में या अकेले एसी-1 टियर में नि:शुल्क यात्रा करने की पात्रता रखते हैं।
आरटीआई के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने बताया कि उसे 2017-18 और 2021-22 में वर्तमान सांसदों की यात्रा के बदले में रेलवे की ओर से 35.21 करोड़ रुपये का बिल मिला वहीं पूर्व सांसदों की यात्रा के लिए 26.82 करोड़ रुपये का बिल मिला है।

3आईपीएस भी हैं
ईडी की राडार में…….    

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में कथित कोयला लेवी घोटाले को लेकर दाखिल किये गये पूरक आरोपपत्र में दावा किया है कि सीएमओ दफ्तर में तैनात एकअफसर से जुड़ाव के चलते इस प्रकरण के सरगना सूर्यकांत तिवारी राज्य की नौकरशाही में काफी प्रभाव रखते थे।रायपुर की विशेष अदालत में दाखिल किये गए पूरक आरोपपत्र में कहा गया है कि ईडी की जांच में यह भी पाया कि 3आईपीएस अधिकारी कोयला व्यापारी तिवारी के अधीन काम कर रहे थे।ईडी की जांच उस कथित घोटाले से संबंधित है, जिसमें छत्तीसगढ़ से कोयले की प्रत्येक टन ढुलाई पर एक ‘गिरोह’ 25 रुपये की कथित रूप से ‘अवैध उगाही’ करता था। इस ‘गिरोह’ में वरिष्ठ नौकरशाह, कारोबारी और राजनीतिक नेता कथित रूप से शामिल हैं।एजेंसी ने 5,500 से अधिक पन्नों के पूरक आरोपपत्र में कहा है कि तिवारी ने एक अफसर से अनाधिकारिक आदेश प्राप्त किया तथा उससे जिला स्तर पर नियुक्त आईएएस और आईपीएस के अधिकारियों को अवगत कराया।आरोपपत्र के मुताबिक, “इसने उसके (तिवारी के) लिए जिला प्रशासन पर नियंत्रण संभव बनाया और उसे कोयला की प्रति टन ढुलाई से 25 रुपये और लौह अयस्क के पत्थरों की प्रति टन ढुलाई से 100 रुपये की अवैध लेवी की उगाही करने में सक्षम बनाया।” वैसे आईएएस के बाद अब तीन आईपीएस अफसर ईडी की राडार पर हैँ…..?इसमें एक आईजी तथा 2 एसपी स्तर के आईपीएस अफसर शामिल बताए जा रहे हैं….?इनमें दो अफसर तो फिलहाल फील्ड में नहीं हैँ वहीँ एक अफसर जरुर फील्ड में पदस्थ हैँ ?

लगातार 8 जिलों में पुलिस
कप्तानी का रिकार्ड…    

गाजीपुर उप्र के निवासी, पत्रकार पिता की संतान, सदा जीवन उच्च विचार रखने वाले 2011 बैच के आईपीएस संतोष सिंह लगातार 8 जिलों के एसपी बनने का रिकार्ड बना रहे है हालांकि इनसे अधिक जिलों में एसपी बनने का रिकार्ड वर्तमान में बिलासपुर आईजी बद्री मीणा का है पर वे बीच में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भी चले गये थे याने लगातार एसपी बनने का उनका रिकार्ड नहीं बना है। आईपीएस संतोष सिंह,कोंडागांव, नारायणपुर, महासमुंद, कोरिया, रायगढ़, राजनांदगाव, कोरबा के बाद अब बिलासपुर के एसपी बनाए गये हैं।उन्हें अमेरिका में पोलिसिंग के लिये अंतराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला है।

सीएम,सीएस सचिवालय के बाद तीसरे जिले की कलेक्टरी…..     

छत्तीसगढ़िया आईएएस अफसर तारण प्रकाश सिन्हा को तीसरे जिले रायगढ़ के कलेक्टर की जिम्मेदारी दी गईं है। वे राजनाँदगाव में लगभग एक साल एक माह, जांजगीर में 6माह तक कलेक्टरी कर चुके हैं।सीएम के संयुक्त सचिव, मुख्य सचिव के सचिव, जनसम्पर्क आयुक्त, संचालकसंस्कृति,पंचायत,नगर निगम रायपुर के आयुक्त की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सम्हाल चुके हैं।तारन प्रकाश सिन्हा का जन्म 9 जुलाई 1975 को छत्तीसगढ़ के पेंड्रा शहर में हुआ। पेंड्रा में ही उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने इतिहास विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। संयुक्त मध्य प्रदेश के लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सिविल सर्विस परीक्षा में उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की।सिंगापुर के सिविल सर्विस कॉलेज और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, बर्कले से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। श्री सिन्हा की पत्नी श्रीमती श्वेता सिन्हा राज्य पुलिस सेवा कीअधिकारी हैं और वर्तमान में संचालक, खेल एवं युवा कल्याण के पद पर कार्यरत हैं।

और अब बस….

02007 बैच के आईएएस की सचिव पदोन्नति के बाद कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है।
0कुछ कलेक्टर, कुछ एसपी अभी और बदले जाने की चर्चा तेज है।
0छ्ग में 2 जिलों में छोटे पुलिस अफसर एसपी पर भारी क्यों पड़ रहे हैं….?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *