कभी हो मुखातिब तो कहूँ क्या मर्ज़ है मेरा… अब तुम दूर से पूछोगे तो ख़ैरियत ही कहेंगे…!

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )     

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र ऑर्गनाइजर के जरिए भारतीय जनता पार्टी को बड़ी नसीहत दी है। ऑर्गनाइजर ने अपने संपादीय में लिखा है कि भाजपा को आगे भी चुनाव जीतते रहना है तो “सिर्फ मोदी मैजिक और हिंदुत्व का चेहरा काफी नहीं होगा” यही नहीं,इस संपादकीय के जरिए संघ ने कर्नाटक में भाजपा की हार का कारण भी बताया है।अगले साल देश में लोकसभा का चुनाव होना है, इसके पहले 5 राज्यों मे विधानसभा चुनाव भी होने हैं।छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश, तेलंगाना, मिजोरम और राजस्थान शामिल हैं। मध्य प्रदेश में अभी भाजपा की सरकार है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता है। तेलंगाना में बीआरएस और मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता में है। इन चुनावों के पहले संघ के मुखपत्र में छपे इस लेख ने सियासी गलियारे में खलबली मचा दी है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर संघ ने भाजपा को क्यों ऐसी नसीहत दी….? 2024 चुनाव से पहले इसके सियासी मायने क्या हैं? आरएसएस ने अपने मुखपत्र आर्गनाइजर में एक संपादकीय प्रकाशित किया।इसमें कर्नाटक चुनाव में भाजपा को मिली हार का विश्लेषण किया गया। ये संपादकीय ऑर्गनाइजर में कर्नाटक चुनाव का जिक्र किया गया है।कहा गया है कि कर्नाटक में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र में सत्ता संभालने के बाद पहली बार भाजपा को विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार के आरोपों का बचाव करना पड़ा है। 14 मंत्री चुनाव हार गए। ये चिंता का विषय है।आगे लिखा गया है कि ‘जब राष्ट्रीय स्तर के नेतृत्व की भूमिका न्यूनतम होती है और चुनाव अभियान स्थानीय स्तर पर रखा जाता है तो कांग्रेस को फायदा होता है। परिवार द्वारा संचालित पार्टी ने राज्य स्तर पर एक एकीकृत चेहरा पेश करने की कोशिश की और 2018 के चुनावों की तुलना में पांच प्रतिशत अतिरिक्त वोट हासिल किये।’संपादकीय में लिखा गया है कि केवल पीएम मोदी के चेहरे और हिंदुत्व के बल पर भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती है…? भाजपा को स्थानीय स्तर पर नए नेताओं को आगे लाना होगा। केंद्र से तालमेल बिठाकर काम करना होगा, तभी आगामी चुनावों में भाजपा को जीत मिल सकती है।

तीन दिन जिलों से बाहर
रहे कलेक्टर,एसपी….   

छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है ज़ब सभी 33 जिलों के कलेक्टर और एसपी जिला मुख्यालय छोड़कर 3 दिनों से राजधानी में मौजूद हैं।छ्ग में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने 2 दिन 8और 9 जून को बैठक ली जिसमे छ्ग के सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी मौजूद थे, उनसे वन टू वन बातचीत की गईं। वहीं 10 जून को 10वीं और 12वीं की परीक्षा में मेरिट में आए छात्र छात्राओं को राज्य शासन ने हेलीकाफ्टर की सैर कराई वहीं उनके सम्मान समारोह में सभी कलेक्टर, एसपी को मौजूद रहने का निर्देश मिला था। इस तरह 3 दिन कलेक्टर और एसपी जिला मुख्यालय से दूर रहे…

जुनेजा ही विस,लोस
चुनाव करवाएंगे….   

अशोक जुनेजा छ्ग में पूर्णकालीन डीजीपी 5 अगस्त 22 क़ो बन गये थे, गृह विभाग ने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि पुलिस बल के प्रमुख पदभार ग्रहण करने के बाद 2 साल तक इस पद पर बने रह सकेंगे। इस हिसाब से इसी माह 30 जून में जुनेजा रिटायर नहीं होंगे क्योंकि छ्ग सरकार फिलहाल उन्हें हटाने के मूड में नहीं है।वे अगस्त 24 में रिटायर होंगे यानि अगला विस तथा लोस चुनाव वहीं करवाएंगे।यूपीएससी की अनुशंसा के बाद अब जुनेजा अगस्त 24 में रिटायर होंगे,पहले वे जून 23 में रिटायर होने वाले थे।इधर विशेष डीजी राजेश मिश्रा जनवरी 24 में रिटायर होंगे इसलिये ये अगले डीजीपी की दौड़ से बाहर ही हो गये हैं?वहीँ अरुण देव गौतम जुलाई 27, पवन देव जुलाई 28, हिमांशु गुप्ता जून 29, जीपी सिंह जून 29 (अभी निलंबित ), एसआरपी कल्लूरी मई 31,प्रदीप गुप्ता जुलाई 31, विवेकानंद सिन्हा जनवरी 32, दीपांशु काबरा जुलाई 34 में रिटायर होंगे। इधर प्रतिनियुक्ति पर होनेवाले वरिष्ठ आईपीएस रवि सिन्हा जनवरी 24,स्वागत दास नवम्बर 24, जयदीप जुलाई 30 में रिटायर होंगे तो एडीजी तथा सीबीआई में संयुक्त संचालक पदस्थ अमित कुमार दिसंबर 35 में सेवानिवृत होंगे।

छ्ग के 2आईएएस को
केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी….

केंद्र सरकार ने प्रशासन में शीर्ष स्तर पर बड़े फेरबदल किए हैं। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमित अग्रवाल और सुबोध कुमार सिंह को नई जिम्मेदारियां दी हैं। अमित अग्रवाल को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण /आधार कार्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया है, तो सुबोध कुमार सिंह को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का डायरेक्टर जनरल का पद दिया गया है।अमित अग्रवाल 1993 बैच के और सिंह 1997 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।

माओवादी आनंद उर्फ
सुदर्शन कट्टम की मौत  

शीर्ष माओवादी नेता आनंद उर्फ सुदर्शन कट्टम की छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके के वन क्षेत्र में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी।उस पर डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। कट्टम 69 वर्ष का था। उसकी मौत 31 मई को हुई। एडीजी (नक्सल ऑपरेशन) विवेकानंद ने कट्टम की मौत की पुष्टि की है। वह माओवादियों की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो सदस्य था। सरकार ने उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। माओवादियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कट्टम की मौत की जानकारी दी है।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आनंद उर्फ सुदर्शन कट्टम 2011 में दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले का मास्टरमाइंड था। बता दें कि इस नक्सली हमले में 70 जवान शहीद हुए थे। इस हमले को देश के सबसे बड़े नक्सली हमलों में से एक माना जाता है।

रक्षा-सुल्तानऔर सफ़ेद
बाघ के 3 शावक…    

छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के मैत्री बाग चिड़ियाघर में एक सफेद बाघिन ने 3शावकों को जन्म दिया है। इन तीन बाघ शावकों के जन्म भिलाई के मैत्री बाग चिड़ियाघर में मौजूद सफेद बाघों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। चिड़ियाघर के प्रभारी एनके जैन ने बताया कि रक्षा नाम की सफेद बघिन ने शवकों को जन्म दिया,सफेद बाघ सुल्तान इन शावकों का पिता है।पिछले साल सितंबर में रोमा नाम की एक सफेद बाघिन ने एक शावक को जन्म दिया था,जिसका नाम ‘सिंघम’ रखा गया है। जैन ने कहा कि मौजूदा समय में इस चिड़ियाघर में अप्रैल में जन्मे तीन बाघ शावकों सहित कुल नौ सफेद बाघ हैं। 1997 में सफेद बाघ के एक जोड़े-तरुण और तापसी को पहली बार पड़ोसी राज्य ओडिशा के नंदन-कानन चिड़ियाघर से मैत्री बाग में स्थानांतरित किया गया था।

और अब बस

0छ्ग में भाजपा का 65+ का नारा अमित शाह ने 2018के विस चुनाव में दिया था पर केवल 15 सीट ही आई … अब कांग्रेस का 2023 के विस चुनाव में 75+ सीटें आने का नारा चर्चा में है….?
0छत्तीसगढ़ कैडर के 2004 बैच के चार आइपीएस अजय यादव, संजीव शुक्ला,नेहा चंपावत और अभिषेक पाठक को केंद्र सरकार द्वारा आईजी इंपैनल किया गया है।
0एसपी की एक छोटी तबादला सूची जल्दी ही आने वाली है?

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