रायपुर। एक निजी चिकित्सालय में यौगिक जीवनशैली के विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का आयोजन छ्त्तीसगढ़ी महिला समाज और डाक्टर आन स्ट्रीट ने संयुक्त रूप से किया। सेमिनार में प्रमुख वक्ता के रूप में आइसलैंड की आंनद कौस्तुभा दीदी ने उद्बोधन दिया।
अपने संबोधन में आनंद कौस्तुभा ने बताया कि दैनिंदिन जीवन में योगिक पद्धति को शामिल करके हम अपने इच्छा शक्ति का विकास कर सकते हैं। भोजन में विभिन्न तत्वों का ध्यान रखकर हम अपने मन को दिशा दे सकते है। कुछ समय के लिये मौन का अभ्यास हमारे चित्त को शांत करता है। योग मानवीय जीवन को अनंत चेतना से जोड़ने की विधि सिखाता है । ध्यान में सबसे बड़ी बाधा हमारे मन के अनियंत्रित विचार है जिसको यौगिक जीवनशैली और विधियों से सही दिशा दी जा सकती है।
दोस्त के संस्थापक डॉ सत्यजीत साहू ने कई प्रसंगों की चर्चा करके बताया कि यौगिक विधियाँ मरीज़ों और डाक्टर दोनों समुहों के लिये समान रूप से उपयोगी है।
छत्तीसगढ़ी महिला समाज कि अध्यक्ष मालती परगनिहा ने कहा कि यौगिक जीवनशैली के अनुपालन और सामाजिक चेतना के विकास के लिये इस प्रकार के आयोजन कई स्कूल और कॉलेज में हमारे संगठन के सदस्य लगातार कर रहे हैं।
अतिथियों में आनंद नितीसुधा दीदी , आनंद सुचिलेखा दीदी , संगीता सोनी दीदी , गंगा श्रीवास दीदी , दोस्त के संयोजक सुनील शर्मा, प्योर संस्था के एडवोकेट संतोष ठाकुर, डॉ आशा मिश्रा, आचार्य ब्रोकर और रिटायर्ड इंजीनियर के पी सिंह शामिल रहे। सेमिनार का संचालन डाईटिशयन साक्षी सिंह ने किया।