भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लॉकडाउन के अगले चरण में नियमों का निर्धारण स्थानीय स्थितियों को देखते हुए किया जाएगा। चौहान गरीबों को हो रही समस्याओं और कोरोना वायरस संक्रमण के केंद्रों से बाहर जगहों पर आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने के मुद्दे पर बोल रहे थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वार्ता कर रहे चौहान ने कहा कि राज्यों को आपस में समन्वय स्थापित करना चाहिए जिससे प्रवासी मजदूरों को परिवहन के साधन उपलब्ध कराए जा सकें और उत्तर प्रदेश में हुए ऐसे सड़क हादसों को टाला जा सके जिसमें 24 प्रवासी मजदूरों की जान चली गई।
उन्होंने कहा कि जब तक वह मध्यप्रदेश में हैं यहां किसी भी मजदूर को पैदल सफर नहीं करना पड़ेगा और न ही भूखा रहेगा। राज्य सरकार यूपी, बिहार, छत्तीसगझड और झारखंड जैसे राज्यों से समन्वय कर रही है, जहां से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर आते हैं जिससे कि उन्हें उनके राज्य की सीमा तक पहुंचाया जा सके।
चौहान ने कहा, रविवार को लॉकडाउन के तीसरे चरण की समाप्ति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलकुल नए कलेवर वाले लॉकडाउन का एलान किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रसार पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के साथ अब आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, गरीब लोग और छोटे उद्योगों को लॉकडाउन की वजह से काफी समस्या हो रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘हमें कोरोना वायरस से लड़ना होगा और आर्थिक गतिविधियों को तेज गति से दोबारा शुरू करने के लिए मानक बनाने पड़ेंगे।’
बता दें कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर देश के कई बड़े शहरों से सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांवों की ओर जा रहे हैं क्योंकि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ा है और उनकी आर्थिक स्थिति बेहद बिगड़ गई है।
मध्यप्रदेश सरकार ने विभिन्न राज्यों में फंसे अपने प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए 1000 बसें चलाई हैं। चौहान ने कहा कि इन बसों से उन मजदूरों को भी लाया जा रहा है जो किसी मध्यप्रदेश के सीमावर्ती राज्य से हैं, उन्हें उनके गंतव्य के नजदीकी स्थान तक पहुंचाया जा रहा है।