मुंबई : पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के पत्र के बाद अनिल देशमुख के इस्तीफे की बढ़ती मांग पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। संजय राउत ने कहा कि अगर सरकार सही जांच के लिए तैयार है तो बार-बार इस्तीफे की मांग क्यों की जा रही है। वहीं एनसीपी के वरिष्ठ नेता और मत्री नवाब मलिक ने भी इस्तीफा ना लेने की बात का समर्थन किया है। यही नहीं संजय राउत ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश की जा रही है। जो लोग ऐसा काम कर रहे हैं, उनके लिए ये ठीक नहीं होगा। संजय राउत ने आगे कहा कि अगर ऐसा सोचा तो मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि ये आग उन्हें भी जला देगी।
If someone is attempting to get President's Rule imposed in Maharashtra by misusing central agencies, then I am warning them – you yourself will get burnt in that fire: Shiv Sena MP Sanjay Raut pic.twitter.com/96Yc1dNFk4
— ANI (@ANI) March 22, 2021
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप अपने पद से हटने के बाद लगाए गए हैं। अनिल देशमुख के खिलाफ जांच की जाएगी लेकिन पत्र में लगे आरोपों के आधार पर इस्तीफा लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
इसके अलावा संजय राउत ने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तय किया है कि अनिल देशमुख के ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी जांच होनी चाहिए। संजय राउत ने कहा कि अगर हम सभी का इस्तीफा लेते रहेंगे तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा।
संजय राउत ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं, तब तक सभी मामलों की जांच सही तरीके से की जाएगी। संजय राउत ने साफ तौर पर कह दिया है कि मुंबई के पुलिस कमिश्नर के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही है और विपक्षी दल लोगों को गुमराह कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था को लेकर बुलाई बैठक
वहीं गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे पर आज फैसला हो सकता है। महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार इस मुद्दे पर बैठक करेगी। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कानून-व्यवस्था को लेकर अपने आवास पर बैठक बुलाई है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद चाहते हैं कि अनिल देशमुख अपने पद से इस्तीफा दे दें लेकिन एनसीपी के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल ने कह दिया है कि गृह मंत्री के इस्तीफे का सवाल ही नहीं पैदा होता है। गठबंधन की तीनों पार्टियों की संयुक्त बैठक होगी, जिस पर अनिल देशमुख के इस्तीफे को लेकर फैसला लिया जा सकता है।