छत्तीसगढ़ के संतों की उपस्थिति में संत सम्मेलन

                  रायपुर। बीटी आई ग्राउंड शंकर नगर रायपुर मै आयोजित एक दिवसीय समस्या मार्गदर्शन कार्यक्रम में दक्षिण भारत के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदा चार्य स्वामी नरेंद्राचार्य महाराज की उपस्थिति में तथा छत्तीसगढ़ के संतों की उपस्थिति संत सम्मेलन वह प्रबुद्ध जन सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ में चल रहे हैं व्यापक धर्मांतरण पर विचार विमर्श किया गया। सभी संतजनों ने तथा समाज के प्रबुद्ध जनों ने शासन से धर्मांतरण विषय पर कड़े कानून व सजा का प्रावधान किए जाने की मांग की। इस कार्यक्रम में समस्त समाजों के समाज प्रमुखों ने व संत सम्मेलन में प्रदेश के प्रतिष्ठित संतों ने बड़ी मात्रा में भाग लिया। इस कार्यक्रम में स्वामीजी द्वारा 300 साधकों ने साधक दीक्षा ली। छत्तीसगढ़ पीठ के पीठ प्रमुख घनश्याम माहेश्वरी ने जानकारी दी की ठकुराइन टोला तालुका पाटन जिला दुर्ग में शीघ्र ही रामानंदाचार्य जी का शक्ति पीठ का निर्माण कार्य संस्थान के द्वारा प्रारंभ किया जाने वाला है। पीठ के माध्यम से इस उपरोक्त कार्यक्रम का मार्गदर्शन व धन्यवाद ज्ञापन सच्चिदानंद उपासने द्वारा किया गया।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी नरेंद्राचार्य महाराज की उपस्थिति में तथा छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संतजनों की उपस्थिति में 350 परिवारों ने घर वापसी की। इस अवसर पर अपने संबोधन में स्वामीजी ने बड़ी मात्रा में उपस्थित जन समुदाय को दो गुरु मंत्र दिए, पहले “तुम जियो और दूसरों को जीने में सहायता करो” तथा “सपने में किसी का बुरा मत सोचो” तथा प्रतिदिन एकाग्र मन से दस मिनिट भक्ति करो”। तुम्हारा कल्याण होगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत गण संत युधिष्ठिर लालजी महाराज , संत श्री रामबालक दासजी महाराज, महंत वेद प्रकाशजी महाराज संत राम स्वरूप दासजी महाराज व किन्नर आखाडे की साध्वीजी सौम्या मां ने हिंदू धर्म पर अपने विचार रख हिंदू धर्म को जग में सर्वश्रेष्ठ बताया।

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