नई दिल्ली : कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा के ‘जिन्ना के साथ थे सरदार पटेल’ वाले बयान पर अब भारतीय जनता पार्टी ने हमला बोला है और इसे चाटूकारिता की पराकाष्ठा बताया है। भाजपा नेता संबित पात्रा ने आज इस बयान पर एक प्रेस वार्ता कर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को घेरा। उन्होंने कहा कि आज अखबारों में छपा है कि दो दिन पहले हुई कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक में कश्मीर को लेकर कुछ सवाल उठे थे। बैठक में कश्मीर को लेकर भ्रम का माहौल बनाया गया। इस दौरान ये कहा गया कि सरदार पटेल जिन्ना से मिले हुए थे और कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग रखने की कोशिश कर रहे थे। इतना ही नहीं इस दौरान यह भी कहा गया कि केवल नेहरू की वजह से जम्मू-कश्मीर हिंदुस्तान में शामिल हो पाया। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता के इस तरह के विवादित बयान देने का एक ही मकसद है, वह है, गांधी परिवार की विरासत को किस प्रकार आगे बढ़ाया जाए और चाटूकारिता की पराकाष्ठा किस प्रकार बनाई रखी जाए।
परिवार की विरासत को बढ़ाने के लिए किसी को भी बदनाम कर सकती है कांग्रेस
पात्रा ने कहा कि आज ये बात स्पष्ट हो गई है कि अपने परिवार की विरासत को ऊपर रखने के लिए, नेहरू-गांधी राजवंश को ऊपर रखने के लिए चाहे सुभाष चंद्र बोस हो, वीर सावरकर हो या सरदार पटेल हो किसी को भी अपमानित कर सकती है। किसी के नाम पर भ्रम फैलाना हो कांग्रेस पार्टी सब कर सकती है। पात्रा ने कहा कि जब हम सबके आदर्श सरदार पटेल के संबंध में ऐसी बातें कही जा रही थीं, तब क्या बैठक में उपस्थित सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने ये कहा कि ऐसी बातें नहीं कही जानी चाहिए। क्या उस नेता को पार्टी से निलंबित किया गया जिन्होंने इस तरह के विवादित बयान दिए।
जानें क्या है मामला…
दरअसल 16 अक्तूबर को होने वाली कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा ने कश्मीर को लेकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने सरदार पटेल और जवाहर लाल नेहरू की भूमिका पर भी बात की। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बैठक में कर्रा ने कहा था कि जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू कश्मीर को हिंदुस्तान में इंटीग्रेट करने का काम किया जबकि सरदार पटेल, जिन्ना के साथ मिलकर कश्मीर को पाकिस्तान को सौंपना चाहते थे। हालांकि, सीडब्ल्यूसी के कुछ सदस्यों ने कर्रा की बात पर हस्तक्षेप किया। उन्हें याद दिलाया कि पटेल भारत के एकीकरण में योगदान वाले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष थे।