इंदौर।रमजान का मुबारक महीना इबादत करने और नेकियां कमाने का हैं। इस मुबारक महीने में अपने गुनाहों यानी पापों का प्रायश्चित हर कोई करना चाहता है। मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रोजे रख रहे हैं। इसी तरह इंदौर की जिला जेल में सैकड़ों बंदी भी रोज़ा रख रहे हैं। बीती शाम जिला जेल में धार्मिक विद्वानों की तक़रीर के साथ रोज़ा इफ्तार कार्यक्रम आयोजित किया गया और दुआएं मांगी गई। कार्यक्रम संयोजक अख़्तर हुसैन ने बताया रोज़ा इफ्तार व तकरीर कार्यक्रम में कैदियों को बेहतर इंसान बनने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में । मुख्य अतिथि मौलाना हमीद मदनी, सर्वधर्म संघ के अध्यक्ष मंज़ूर बेग, जिला वक्फ कमेटी के अध्यक्ष रेहान शेख, संस्था सोच के अध्यक्ष महफूज़ पठान, मोहसिन पटेल, पत्रकार समीर खान, नाज़ शेख, आरिफ बरकाती, तारिक़ शेख, सफदर हुसैन और फ़ज़ल हुसैन आदि ने शिरकत की। जेल प्रशासन की तरफ से जेल अधीक्षक जवाहर मंडलोई,, उपजेल अधीक्षक आलोक वाजपेयी, सहायक जेल अधीक्षक मनोज जायसवाल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के संचालन की ज़िम्मेदारी पत्रकार ताहिर कमाल सिद्दीकी ने निभाई। ।कार्यक्रम की शुरुआत तिलावते क़ुरआन से बंदी हाफ़िज़ अंसार आज़मी ने की।अतिथियों व जेल अधिकारियों को सम्मान से भी नवाज़ा गया। इसके बाद धार्मिक विद्वान मौलाना हमीद मदनी ने कैदियों से कहा कि गुनाहों से सच्ची तौबा दोज़ख (नरक)से निजात का जरिया बनती है।उन्होंने कहा रमज़ान के महीना बेहतर इंसान बनने की सीख देता है। रोज़ा का मक़सद हमें पवित्र बनाना है।अपने अंदर की गंदगी और बुराई को निकालकर अच्छाई को अपनाना चाहिए। दुनिया मे जितने नबी आये उन्होंने भटके लोगों को सीधा रास्ता दिखाया और अच्छा इंसान बनाया। उन्होंने कहा जेल से निकलो तो जिंदगी में तब्दीली लाकर नेक बनकर निकलो कि समाज आपको पहचाने। उन्होंने बंदियों से कहा बदले की भावना छोड़कर ज़िंदगी में माफी को अपनाएं। जेल अधीक्षक जवाहर मंडलोई ने कहा मिलजुलकर भाईचारे के साथ रहें और अपराध की राह पर दोबारा न भटकें।
मंज़ूर बेग ने जेल प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा इस तरह के आयोजन सौहार्द को बढ़ावा देते हैं और बंदियों के आचरण में बदलाव लाते हैं।इफ्तार से पहले जब दुआ मांगी गई तो क़ैदी रो पड़े। सभी बन्दियों ने एक जाजम पर बैठकर रोज़ा खोला और मगरिब की नमाज़ अदा कर देश की खुशहाली की दुआ मांगी और अपराध से दूर रहने का संकल्प लिया।