प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए रिटायर्ड डॉक्टर्स, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ होंगे नियुक्त, संविदा पर ली जाएगी सेवाएं,CM बघेल ने कलेक्टर को दिए निर्देश

रायपुर: प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए रिटायर्ड व निजी चिकित्सकों, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाएं संविदा दर पर ली जाएं। राज्य में कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिलों में स्थापित डेडिकेटेड हॉस्पिटल, कोविड केयर सेंटर में मेडिकल स्टाफ की भर्ती की जाए। यह नियुक्ति तीन महीने या अधिकतम कोविड संक्रमण अवधि तक के लिए होगी। इन मेडिकल स्टाफ के मानदेय का भुगतान डीएमएफ फंड से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्तमान स्थिति को देखते हुए कई जिलों में जारी लॉकडाउन की अवधि में जन सुविधा के मद्देनजर कलेक्टरों को अत्यावश्यक सेवाओं सहित फल, सब्जी, दूध, रसोई गैस की डोर-टू-डोर डिलिवरी की अनुमति एवं इसके लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन अवधि में पेट्रोल पम्प, दवाई दुकान, रसोई गैस एजेंसी, हॉस्पिटल एवं पशुओं के आहार से संबंधित दुकानों को खोलने की अनुमति देने को कहा है। उन्होंने गांवों में सब्जी एवं फल की खेती करने वाले किसानों को यदि वह शहर आकर कालोनियों एवं मोहल्लों में डोर-टू-डोर सब्जी-फल बेचना चाहते हैं तो उन्हें भी इसकी अनुमति दिए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के राशन दुकानों को खोलने तथा उपभोक्ताओं को टोकन आधार पर खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित करने को कहा है। राशन दुकान संचालकों द्वारा उपभोक्ताओं को इसके लिए पूर्व में टोकन दिया जाना होगा। प्रतिदिन अधिकतम 50 से 80 उपभोक्ताओं को टोकन के आधार पर राशन उपलब्ध कराने को कहा गया है। उन्होंने कलेक्टरों को जिला खाद्य अधिकारियों के माध्यम से उक्ताशय की सूचना जिले के समस्त उचित मूल्य दुकान के संचालकों को देने और इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को दिए गए अपने निर्देश में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि लॉकडाउन की अवधि में कोई भी सब्जी एवं फल की दुकान नहीं खुलेगी। सब्जी-फल उत्पादक किसानों से सीधे सब्जी-भाजी, फल क्रय कर स्ट्रीट वेन्डर उन्हें कालोनियों, गली-मोहल्लों में घर-घर जाकर बेच सकेंगे।

लॉकडाउन के अवधि में बैंक खोलने की अनुमति सिर्फ इस शर्त पर दी गई है कि बैंक के अधिकारी-कर्मचारी बैंकिंग सेवा से संबंधित कार्याें का निष्पादन कर सकेंगे। यहां बैंक पब्लिक डिलिंग की अनुमति नहीं होगी। एटीएम को चौबीसों घंटे क्रियाशील रखने के लिए बैंक से राशि निकालकर एटीएम में फीड की जा सकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *