वाशिंगटन : अमेरिका की एक संघीय अदालत ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए ट्रंप कार्यकाल के H-1B वीजा नियमों में किए गए बदलाव को रद्द कर दिया। अदालत के इस फैसले से भारत समेत कई देशों के छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी।अदालत के इस फैसले से अमेरिका में नौकरी की तलाश कर रहे भारतीय छात्रों को फायदा मिलेगा। इस फैसले से अब फ्रेश ग्रेजुएट्स को नौकरी पाने में आसानी होगी।
बता दें कि ट्रंप के कार्यकाल में H-1B वीजा नियमों में किए गए बदलाव के तहत छात्रों के चयन प्रक्रिया को लॉटरी ड्रा से बदलकर केवल उच्च-भुगतान वाली नौकरियों के लिए कर दी गई थी। जिसके बाद इसके खिलाफ विरोध शुरू हो गया था और अदालत में इस फैसले को चुनौती दे दी गई थी।
विश्वविद्यालयों ने किया था ट्रंप के नियमों में बदलाव का विरोध…
इसके अलावा विश्वविद्यालयों ने भी नियम में बदलाव का विरोध किया था। विश्वविद्यालयों ने कहा था कि यदि नया नियम लागू किया जाता है, तो संभवतः विदेशी छात्रों को अमेरिका आने से सीमित कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं नियम परिवर्तन को यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा भी अदालत में चुनौती दे दी गई थी ,जिसके कारण संघीय अदालत ने नियम के कार्यान्वयन पर स्थगन आदेश जारी कर दिया था।
याचिकाकर्ताओं ने दिया था ये तर्क…
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में तर्क देते हुए कहा था कि नए नियम आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम का उल्लंघन करते हैं। यह भी तर्क दिया गया कि नियम में बदलाव के परिणामस्वरूप कम छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों में आवेदन करेंगे क्योंकि पाठ्यक्रम पूरा करने पर उन्हें नौकरी पाने की संभावना न के बराबर रहेगी।
ट्रंप ने अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों की रक्षा के लिए उठाया था कदम…
बता दें कि अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों की रक्षा के लिए ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी उम्मीदवारों के लिए उच्च वेतन वाली नौकरियों की योग्यता देकर नियम परिवर्तन का प्रस्ताव दिया था। अमेरिका 65,000 नए एच-1बी वीजा जारी करता है जबकि अन्य 20,000 यूएस मास्टर्स वाले आवेदकों के लिए आरक्षित हैं।