रायपुर : राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत पंजीकृत परिवार के मुख्यिा को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये अनुदान सहायता राशि दी जाएगी। इस हेतु भूमिहीन परिवार 30 नवम्बर 2021 तक एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन करा सकते हैं।
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना ग्रामीण अंचल के भूमिहीन परिवारों के साथ-साथ बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, घोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है।
इस योजना के तहत पात्र परिवारों को इसी वित्तीय वर्ष से मदद देने का निर्णय शासन ने लिया है। इसके लिए पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे सभी मूल निवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे, जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि यथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा।
उन्होंने जारी दिशा-निर्देश में कहा है कि ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, घोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। भूमिहीन कृषि मजदूर से अभिप्राय ऐसा परिवार जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता और जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है और उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर भूमि नहीं है। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि, कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।
ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के साथ ‘‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत परिवारों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी।