RBI : वीडियो केवाईसी को मंजूरी, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 50 हजार करोड़ की विशेष लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास मीडिया को संबोधित कर रहे हैं। उनका यह संबोधन पहले से निर्धारित नहीं था। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ जहां स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई है, तो दूसरी तरफ कालाबाजारी करने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। हालांकि कोरोना के दैनिक मामलों में कुछ दिनों से हल्की गिरावट आ रही है, जो राहत की संकेत है। लेकिन राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन से जनता परेशान है क्योंकि इसका सीधा असर उनकी कमाई पर पड़ा है। देश की अर्थव्यवस्था को भी संकट के इस समय से उबारने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। ऐसे में केंद्रीय बैंक का यह संबोधन बेहद अहम है।

प्रमुख बातें-
उन्होंने कहा कि आरबीआई कोरोना की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कोरोना की पहली लहर के बाद अर्थव्यवस्था में अच्छी रिकवरी दिखी थी। कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रसार को देखते हुए व्यापक और त्वरित कार्रवाइयों की आवश्यकता है। दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में तेज रिकवरी हुई है। मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मानसून रहने का अनुमान जताया है। अच्छे मानसून से ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में तेजी रहने की संभावना है।

जनवरी से मार्च के दौरान खपत बढ़ी है। बिजली की खपत में भी तेजी आई है। भारतीय रेलवे के माल भाड़े में बढ़ोतरी की गई है। अप्रैल में पीएमआई 55.5 पर पहुंच गया। सीपीआई भी बढ़ा है। यह मार्च में 5.5 फीसदी था। भारत का निर्यात मार्च में काफी बढ़ा है। भारत सरकार के आंकड़ों की मानें तो अप्रैल में यह तेजी से बढ़ा है। दाल-दलहन, तिलहन और दूसरे जरूरी सामान के दाम में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। ऐसा कोरोना के कारण सप्लाई चेन की सीरीज टूटने से हुआ है।

शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन के दौरान महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आरबीआई विशेष रूप से नागरिकों, व्यापारिक संस्थाओं और दूसरी लहर से प्रभावित संस्थानों के लिए अपने सभी संसाधनों और उपकरणों को तैनात करेगा।

RBI ने मार्च 2022 तक कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा की। इसके जरिए बैंक रेपो रेट पर वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स, वैक्सीन ट्रांसपोर्ट, निर्यातकों को आसान किस्तों पर लोन उपलब्ध कराएंगे। इसके अतिरिक्त अस्पतालों, हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स को भी इसका लाभ मिलेगा।

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