रायपुर : एक फ्राड गैंग ने चेक का क्लोन तैयार कर 3.60 करोड़ रुपए का वारा-न्यारा कर दिया। इस मामले में केनरा बैंक के मैनेजर की भी सहभागिता सामने आई है, जिसने महज 10 लाख रुपए की लालच में इस फ्राड गैंग को सहयोग किया और करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े में साथ दिया। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस गैंग के अन्य लोगों की तलाश जारी है।
जारी चेक बिहार सरकार के ऊर्जा और सड़क विभाग का क्लोन था
पुलिस कप्तान एसएसपी अजय यादव ने आज एक बड़े धोखाधड़ी मामले का खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि रायपुर के आमानाका स्थित केनरा बैंक से 3.60 करोड़ रुपए का आहरण किया गया। इस बड़ी राशि के लिए जारी चेक के क्लोन का इस्तेमाल किया गया है। जारी चेक बिहार सरकार के ऊर्जा और सड़क विभाग का क्लोन था।
एसएसपी यादव ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मुख्य आरोपी सुहास हरिश्चंद्र काले को पुलिस ने धर दबोचा है। सुहास का एक गैंग है, जिसका लीडर वह खुद है। इस गैंग के अन्य सदस्यों में शमीम, रमेश और एजाज नाम के तीन और सदस्यों का भी खुलासा किया गया है, लेकिन ये तीनों फिलहाल गिरफ्त से बाहर हैं। वहीं इस पूरे मामले में केनरा बैंक मैनेजर की संलिप्तता भी सामने आई है।
3.60 करोड़ रुपए की राशि आहरण…
इस काले कारनामे को अंजाम देने के लिए आमानाका केनरा बैंक शाखा के मैनेजर ने इन धोखेबाजों को प्रश्रय दिया और सरकारी चेक की क्लोनिंग करने में मदद की। इसके साथ ही धोखे से 3.60 करोड़ रुपए की राशि आहरण में मदद की, जिसके बदले मैनेजर ने 10 लाख रुपए भी लिए थे। पुलिस ने मैनेजर को भी आरोपी बनाए जाने की बात कही है।