नई दिल्ली : थर्मल कैमरा खरीद का टेंडर रद्द करने के मामले में रेलवे ने चीनी कंपनियों को लाभ होने का अंदेशा जताया है। सूत्रों ने बताया कि जब ज्यादातर भारतीय विक्रेताओं ने रेलटेल को पत्र लिखकर चिंता जताई कि कैमरे के लिए जो विशेषता निर्धारित की गई है, उससे चीन की कंपनी हिकविजन को फायदा होता। हिकविजन दुनिया की सबसे बड़ी वीडियो सर्विलांस कंपनी है और मौजूदा भारतीय सीसीटीवी मार्केट पर उसका कब्जा है।
थर्मल कैमरों : शरीर का तापमान पता लगाने के अलावा यह भी पता किया जा सकता था कि व्यक्ति ने मास्क पहना हुआ है या नहीं।
रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम रेलटेल ने पिछले महीने 800 निगरानी वाले थर्मल कैमरों के लिए निविदा जारी की थी। इससे शरीर का तापमान पता लगाने के अलावा यह भी पता किया जा सकता था कि व्यक्ति ने मास्क पहना हुआ है या नहीं। रेलटेल के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि रेलवे ने पैनल में शामिल कारोबारी सहयोगियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) आवेदन मांगे हैं। इसके अलाव अन्य विक्रेताओं से भी आवेदन मांगे गए थे। उन्होंने कहा, बड़े पैमाने पर आवेदन मिलने के बाद हमने ईओआई को रद्द कर दिया। अब हम खुला आवेदन मंगा रहे हैं।
चीनी कंपनियों से करार रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका…
चीन के साथ भारत की व्यापार नीतियों को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में चीनी कंपनियों के साथ हुए करारों को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में केंद्र के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है। जम्मू की वकील सुप्रिया पंडित की याचिका में चीन और अदानी समूह की कंपनियों के बीच एक एमओयू का जिक्र भी किया गया है। याचिका में कहा गया कि कुछ राज्य सरकारें और निजी कंपनियां चीन की कंपनियों के साथ करार कर रही हैं।