जबलपुर।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में बालाघाट के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने एक जनहित याचिका दायर कर हाई कोर्ट को बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर में हिंदी भाषा को मान्यता नहीं है…. इस मामले की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा है कि ट्विटर पर हिंदी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है। . इस पर केंद्र सरकार के वकील ने जवाब देने के लिए समय मांगा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।
याचिका में बताया गया कि ट्विटर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका, जापान और भारत के द्वारा किया जाता है… ट्विटर के द्वारा भारत में 15 सौ करोड़ रुपए सालाना व्यापार भी किया जाता है…. भारत सरकार के द्वारा अधिकारिक तौर पर अपनी बात कहने के लिए ट्विटर प्लेटफार्म का ही उपयोग किया जाता है, इतना सब होने के बाद भी ट्विटर के द्वारा हिंदी भाषा को मान्यता नहीं दी गई है. अब इस पर राहत चाही गई है।