प्रेसवार्ता:- कांग्रेस सरकार के ढाई साल : पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा- प्रदेश की वित्तीय हालात पर श्वेत पत्र जारी करे

रायपुर : प्रदेश में कांग्रेस सरकार के ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की वित्तीय मदद का हिस्सा 52 फ़ीसदी है, जबकि राज्य का हिस्सा क़रीब 48 फ़ीसदी है. सरकार का कुल खर्च 80 हजार 126 करोड़ रुपए है, जिसमें राजस्व व्यय 70 हजार करोड़ रुपए है. करीब 88 फ़ीसदी हिस्सा अनुदान, सब्सिडी, ब्याज भुगतान में खर्च हो रहा है. दिवालियापन की यही वजह है.

कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा की. पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने सरकार सभी क्षेत्रों में असफल बताते हुए कहा कि निराशा हावी है. ढाई साल में कांग्रेस की उपलब्धि क्या है? सरकार अपने किए कामों की जानकारी देती है, लेकिन ये इतनी निराश सरकार है, जो अपने विकास के काम को गिनाने से बच रही है. सवाल तो पूछे जाएँगे, भूपेश जी जवाब तो देना होगा, ये सिर्फ़ बीजेपी का सवाल नहीं था ये कांग्रेस की घोषणा पत्र में किए गए वादे ही थे.

उन्होंने कहा कि किसान पूछ रहे हैं दो साल का बोनस कहा गया? बेरोज़गार पूछ रहे हैं रोज़गार कहाँ हैं? शराबबंदी का वादा था लेकिन राज्य में शराब की नदियाँ बह रही हैं. माफियाराज छत्तीसगढ़ में पैदा किया गया. रेत से लेकर कोल और शराब मफ़ियाओं ने गाँव गाँव को क़ब्ज़े में ले लिया है. ढाई साल में सरकार से पहला सवाल यही है कि विकास के सारे काम ठप्प क्यूँ हो गया है? आर्थिक दिवलियापन के हालात क्यूँ बन गए हैं?

रमन सिंह ने कहा कि अधोसंरचना का निर्माण सिर्फ़ 12 फ़ीसदी है जबकि हमारी सरकार में यह क़रीब 16 फ़ीसदी था. बीस साल के इतिहास का सबसे ज़्यादा राजस्व घाटा इस सरकार में रहा. प्रधानमंत्री आवास योजना में चार लाख अस्सी हज़ार मकान स्वीकृत थे, राज्य की राजस्व हालत खराब होने की वजह से यह वापस हो गए हैं. सरकार को एक-एक गांव के एक-एक पंचायतों में साठ-सत्तर लाख के मकान बनने थे, लोगों को रोज़गार मिलना था ये सब समाप्त हो गया.

डॉ. सिंह ने कहा कि बीजेपी के 15 साल में 37 हज़ार करोड़ रुपए का कुल कर्ज लिया था, लेकिन इस सरकार ने ढाई साल में ही 15 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ ले लिया. ये सरकार जवाब देने की बजाय आंदोलन की दिशा में जा रही है. छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज़्यादा पलायन करने वाले राज्यों में आ गया है. वन नेशन, वन राशन योजना में छत्तीसगढ़ ने शामिल होने से इंकार कर दिया, जबकि यहाँ का मज़दूर दूसरे राज्यों में जाता तो उसे राज्य के राशन कार्ड से राशन मिल जाता.

भरोसे का संकट पैदा करना सरकार की असफलता

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि भूपेश सरकार के ढाई साल पर ये प्रेस काँफ़्रेस है. सरकार में लोकलाज और जनता के भरोसे की चिंता नहीं की. उन्होंने कहा कि काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है, लगता है ये सरकार यही समझ रही है. भरोसे का संकट पैदा करना सरकार की असफलता है. सरकार में भरोसे का संकट है, जिससे लोकतंत्र खतरे में है. शराबबंदी का वादा कर होम डिलीवरी शुरू करनी हो, कर्जमाफ़ी का वादा कर प्रदेश को कर्ज में लादने का जिक्र हो, बेरोजगारी दूर कर युवाओं के सामने रोज़गार का संकट खड़ा करने का मुद्दा हो हर क्षेत्र में सरकार ने भरोसा तोड़ा है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार कहती है कि किसानों के लिए हमने बहुत कुछ किया है, लेकिन ऐसा कोई हफ़्ता नहीं बीता है जब किसानों ने आत्महत्या नहीं की हो. लगातार ये स्थिति बनी हुई है. अनाचार की घटना, लूट, हत्या, डकैती की घटना बढ़ गई है. बलात्कार के मामले में छत्तीसगढ़ देश में चौथे स्थान पर है. प्रदेश में ये लगने लगा है कि शांति का टापू अपराध के गढ़ में तब्दील हो गया.

उन्होंने कहा कि सरकार के विधायकों में ही नाराज़गी है, मंत्रियों में मतभेद है, सरकार में ही अंतर्विरोध है. सरकार राज्य को गर्त में ले जा रही है. बेरोज़गारी भत्ते का वादा था लेकिन इन ढाई सालों में ढाई रुपए भी बेरोज़गारों को नहीं मिला. प्रदर्शन करने कोई संगठन आगे बढ़ता है तो उन्हें डराया धमकाया जाता है. पीएससी आज सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है.

किसानों के हिस्से की सरकार ने की डकैती

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार की सबसे बड़ी योजना राजीव गांधी अन्याय योजना है. राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद केंद्र की सरकार ने 390 रुपए समर्थन मूल्य बढ़ाया है. किसानों के हिस्से की पाँच हज़ार आठ सौ पचास रुपए की डकैती इस सरकार ने की है.

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