रायपुर। राजधानी बीजेपी के शहर जिला संगठन में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोशल मीडिया पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और उन्हें नजरअंदाज करने का मामला अब आर – पार की लड़ाई में तब्दील हो रहा है। पूर्व मंत्री और सांसद के कृपापात्र अध्यक्ष की जमकर घेरा बंदी हो रही है। मामला इस लिए भी गंभीर रूप ले रहा है कि अध्यक्ष बने जयंती पटेल को करीब पांच महीने होने को हैं। लेकिन वो संगठन में मोर्चा और प्रकोष्ठों की घोषणा करना ही जैसे भूल गए हैं। एक माह पहले जैसे तैसे उन्होंने अपनी कार्यकारिणी दबाव में बना तो ली । लेकिन इसमें भी वो अच्छे और काम करने वाले कार्यकर्ताओं को भूला बैठे जिनकी वाकई ऐसे समय मे जरूरत है। पटेल की अपने कार्यकारणी में कुछ हद तक एक पूर्व मंत्री और सांसद व एक पूर्व जिलाध्यक्ष की शह चर्चा में रही। खैर अभी जिस बात को लेकर अंदर ही अंदर नया विवाद और कार्यकर्ताओं में गुस्सा गहरा रहा है वो ये है कि जिलाध्यक्ष ने राजधानी जैसे महत्वपूर्ण स्थान की न तो मोर्चों की और न ही प्रकोष्ठों की घोषणा की है …। इससे अभी तक सैकड़ो कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति में है कि भविष्य में उन्हें मोर्चे / प्रकोष्ठों में स्थान मिलेगा की नहीं ? । किस बात से दबाव में है प्रदेश संगठन
इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश संगठन भी न जाने किस बात के चलते राजधानी में मोर्चे/प्रकोष्ठों की घोषणा नही करवा पा रहा है…। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वो यहां भी उन नेताओं के आगे दबाव महसूस कर रहा है जिन्होंने पटेल की ताजपोशी कराई है।। बड़े नेताओं के सामने ही दर्ज करा रहे सोशल मीडिया पर विरोध जिलाध्यक्ष पटेल की कार्यशैली को लेकर कुछ एक कार्यकर्ता सोशल मीडिया के माध्यम से अपना एक ग्रुप बनाकर उसमें लगातार विरोध दर्ज करवा रहें। लेकिन इसके बाद भी प्रदेश संगठन संज्ञान नहीं ले रहा है। इस सोशल मीडिया ग्रुप में प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण पदाधिकारी भी है। यही कारण है कि अब लगातार यहां जो विरोध हो रहा है उसे दिल्ली के बड़े नेताओं तक पहुंचने का काम भी हो रहा है। साथ ही प्रदेश प्रभारी और सहप्रभारी को भी इसकी शिकायत करने की चर्चा गलियारों में तैर रही है।