{किश्त146}
छत्तीसगढ़ कभी कांग्रेस का गढ़ रहा है,अविभाजित मप्र के समय छ्ग के कांग्रेसी विधायकों की संख्या के आधार पर सरकार बनती थी पर छ्ग राज्य बनने के बाद 4 बार भाजपा की सर कार बन चुकी है,कांग्रेस का गढ़ अब ढहता जा रहा है.?देश में आपातकाल के बाद कठिन परिस्थिति के समय भी छ्ग की 90 विधानसभा में 35 में कांग्रेस की जीत हुई थी, तब देश की पीएम इंदिरा गाँधी द्वारा लगायेगये आपातकाल के बाद 1977 के लोस,राज्यों के चुनावों में कॉंग्रेस की बुरी पराजय हुई थी। इंदिरा गाँधी सहित कई दिग्गज नेता पराजित हुए थे पर छगमें कॉंग्रेस की स्थिति बहुत ख़राब नहीं थी। यह ठीक है कि विस चुनाव में पं.श्यामाचरण शुक्ला,लोस चुनाव में विद्याचरण शुक्ला जैसे दिग्गज हारगये थे,फिर भी 35 विधायक कांग्रेस के विजयी रहे थे। जीतनेवालों में मोतीलाल वोरा,बिसाहू दास महंत,मथुराप्रसाद दुबे रामपुकार सिंह,बीआर याद व,वासुदेव चंद्राकर, झूमूक लाल भेड़िया,वीरेंद्र बहादुर सिंह आदि प्रमुख थे।1977 चुनाव के पहले कहा जाता था,कांग्रेस की टिकट,जीत ने की गारंटी है। पहले यह जुमला भी चर्चा में रहता था कि शादी के बाद औरत का भाग्य,छुपा हुआ खजाना, कांग्रेस की टिकट का कोई भरोसा नहीं है.? कॉंग्रेस की टिकट जिसका भाग्य होगा उसे ही मिलेगी!खैर छ्ग के आम मतदाता 1977 के पहले कांग्रेस के साथ थे।आपातकाल के बाद कांग्रेस के मुकाबले में विपक्ष खड़ा होने में सफल रहा। छ्ग में 1977 के बाद के लोस चुनाव में विद्याचरण शुक्ला पहली बार चुनाव हारे थे तो बतौर मप्र के सीएम श्यामा चरण शुक्ला भी चुनाव हार गये थे।तब छ्ग की कुल90 विधानसभाओं में 35 सीटों पर कॉंग्रेस फिर भी विजयी रही थी। विषम परिस्थिति में भी कांग्रेस से सुखीराम ब्लासियस एक्का,राम पुकार सिंह,चनेशराम राठि या,सुरेंद्रबहादुर सिंह, राम कुमार अग्रवाल,लक्ष्मीपटेल कमलादेवीसिंह, हुलासराम मनहर,बोधराम कंवर,भंवर सिंह पोर्ते,मथुराप्रसाद दुबे, रामेश्वर प्रसाद,बीआरयादव चित्रकान्त जायसवाल,बंशी लाल धृतलहरे,राधेश्याम शुक्ला, राजेंद्रकुमार सिंह, शिवप्रसाद शर्मा,बिसाहू दास महंत,सुरेंद्रबहादुरसिंह वेदराम,भवानीलाल वर्मा, जगदीश अग्रवाल,फूलसिंह मिरी,कन्हैयालाल कोसरिया मोहनलाल चौधरी,वीरेंद्र बहादुर सिंह,मानकूराम सोढ़ी,मोतीलाल वोरा,केजू राम वर्मा,लक्ष्मण प्रसाद, घनाराम साहू,वासुदेव चंद्रा कर,झूमुकलाल भेड़ियाऔर बलरामसिँह बैस विजयीरहे थे।उस समय बिलासपुर संभाग और दुर्ग जिले से सर्वाधिक कांग्रेसी विजयी रहे थे।