हैदराबाद। तेलंगाना में राजनीतिक उठापटक जारी है यहां पर भारत राष्ट्र समिति (BRS) के विधायकों का पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का सिलसिला अभी भी जारी है। बीआरएस के छह विधान परिषद के सदस्य तेलंगाना के सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की मौजूदगी में ये सभी छह एमएलसी कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस में शामिल होने वाले एमएलसी दांडे विटल, भानुप्रसाद राव, एमएस प्रभाकर, बोग्गापारु दयानंद और एग्गे मल्लेशम हैं।।
सीएम की मौजूदगी में ली कांग्रेस की सदस्यता
बीआरएस पार्टी के छह विधान परिषद सदस्य मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के आवास पर कांग्रेस में शामिल हुए। इस दौरान तेलंगाना में पार्टी मामलों की एआईसीसी प्रभारी दीपा दासमुंशी और अन्य नेता भी मौजूद थे। तेलंगाना विधानपरिषद की वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान में बीआरएस के पास 25 सदस्य हैं और कांग्रेस के चार सदस्य हैं। 40 सदस्यीय विधानपरिषद में चार मनोनीत सदस्य भी हैं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के दो, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और पीआरटीयू के एक-एक और एक निर्दलीय सदस्य भी हैं, जबकि दो सीट रिक्त हैं। रेवंत रेड्डी के गुरुवार रात राष्ट्रीय राजधानी की दो दिवसीय यात्रा से लौटने के तुरंत बाद ये सदस्य कांग्रेस में शामिल हुए। बीआरएस के छह नेताओं के कांग्रेस में शामिल हो जाने से तेलंगाना विधान परिषद में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत
बता दें कि तेलंगाना में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद बीआरएस के छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी विधायक सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो सकते हैं। बीआरएस ने विधानसभा चुनाव में कुल 119 विधानसभा सीट में से 39 पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस 64 सीटें जीतकर सत्ता में आई है। सिकंदराबाद छावनी सीट से बीआरएस विधायक जी लस्या नंदिता की इस साल के शुरु में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके बाद कांग्रेस ने इस सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। इससे कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 65 हो गई।