राज्यों की टोल नाकों पर तैनात पुलिसकर्मी और सीसीटीवी कैमरे, फिर कैसे पहुंच गया कानपुर कांड का आरोपी विकास दुबे उज्जैन?

उज्जैन : लगभग एक सप्ताह तक 10 राज्यों की पुलिस की सतर्कता के बावजूद कानपुर कांड का कुख्यात आरोपी विकास दुबे महाकाल की नगरी उज्जैन से गिरफ्तार हो गया है। नौ जुलाई की सुबह उसे महाकाल मंदिर परिसर से पुलिस ने पकड़ा। कहा तो यह जा रहा था कि उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे सभी राज्यों की पुलिस विकास दुबे को लेकर हाई अलर्ट पर थी, बावजूद इसके वह कानपुर से दिल्ली होते हुए हरियाणा के फरीदाबाद शहर जा पहुंचा था। इसके बाद हरियाणा से मध्यप्रदेश तक आ गया।

चिल्लाकर बताया कि वो कानपुर कांड का मास्टरमाइंड विकास दुबे है

यहां पुलिस की चुस्ती और मुस्तैदी पर सवाल उठना लाजमी भी है। आखिर राज्यों की सीमा और टोल नाकों पर तैनात पुलिसकर्मी और सीसीटीवी कैमरे क्या केवल खानापूर्ति के लिए लगे हुए थे। महाकाल परिसर से भी उसे तब पकड़ा गया जब उसने खुद ही चिल्लाकर बताया कि वो कानपुर कांड का मास्टरमाइंड विकास दुबे है। इससे गिरफ्तारी या आत्मसमर्पण से एक गंध भी आ रही है। और वो यह कि क्या बिना किसी मिलीभगत के इस तरह से एक राज्य से दूसरे राज्य तक आया जाया जा सकता है।

आरोपी बेरोकटोक घूमता रहा…

क्या बिना किसी सरपरस्ती के यह संभव है कि आठ पुलिसवालों की हत्या का आरोपी बेरोकटोक घूमता रहा और खुद ही पुलिस की गिरफ्त में आ गया। विकास दुबे की यह गिरफ्तारी शासन तंत्र के गाल पर तमाचा भी है।

मंदिर के सुरक्षा गार्ड ने पुलिस को इसकी जानकारी दी…

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकास दुबे के गिरफ्तार होने की पुष्टि कर दी है। उनका कहना है कि पुलिस को इंटेलिजेंस से दुबे के उज्जैन में होने की खबर मिली थी और वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार भी थी। दुबे ने महाकाल मंदिर में फिल्मी अंदाज में आत्म समर्पण किया है। वह मंदिर परिसर में खड़ा होकर जोर-जोर से चिल्लाते हुए कह रहा था कि जानते हो मैं विकास दुबे हूं। जिसके बाद मंदिर के सुरक्षा गार्ड ने पुलिस को इसकी जानकारी दी।

ये सवाल अब भी अनसुलझा है..?

विकास दुबे पर कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने का आरोप है। इसके बाद से वह फरार था। अब उज्जैन पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और यूपी पुलिस के पहुंचते ही उसे ट्रांजिट रिमांड के जरिये सौंप दिया जाएगा। बुधवार तक विकास दुबे की लोकेशन फरीदाबाद और एनसीआर बताई जा रही थी लेकिन यहां से वो उज्जैन कैसे पहुंचा, ये सवाल अब भी अनसुलझा है।

अब इस सवाल का जवाब या तो पुलिस दे सकती है या फिर खुद विकास..

फरीदाबाद से उज्जैन तक का सफर सड़क मार्ग से करने पर कम से कम 14 घंटे का समय लगता है। दोनों शहरों के बीच की दूरी लगभग 774 किलोमीटर है। अब इस सवाल का जवाब या तो पुलिस दे सकती है या फिर खुद विकास की वो उज्जैन कैसे पहुंचा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *