पुलिस स्मृति दिवस : सुरक्षाबलों का त्याग समर्पण कभी नहीं भुलाया जा सकता, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर : आज पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्यपाल अनुसुइया उइके ने 1959 में पीठ दिखाने के बजाय चीनी सैनिकों की गोलियां सीने पर खाकर शहीद हुए पुलिसकर्मियों को नमन किया.सीएम ने कहा, “अपने बहादुर साथियों की याद में भावुक होने का दिन है, जो जवान जनता और देश की हिफाज़त के लिए समर्पित होते हैं उनका दर्जा समाज में हमेशा सबसे ऊंचा होता है, छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों का त्याग समर्पण कभी नहीं भुलाया जा सकता है. शहीदों और परिवारजनों को नमन करता हूं.”

कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुइया उइके भी मौजूद रहीं. अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा, “आज के दिन पुलिस सेवा में शहीद हुए जवानों को याद करने का दिन है, उनको नमन है. पुलिस जवानों ने परित्राणाय साधुनाम को चरितार्थ किया है. हमारे जवान बड़े साहस के साथ नक्सलवाद का सामना करते हैं. मेरी उम्मीद है कि उन क्षेत्रों के लोग भी समाज की मुख्यधारा में जुड़ सकेंगे. सरकार लगातार इसके लिए प्रयास कर रही है.”

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अमर शहीदों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा, “पुलिस व सुरक्षाबल के जवानों ने विभिन्न नक्सली एवं अन्य वारदातों में अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय देते हुए अपना बलिदान दिया है. बहादुर शहीद जवानों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं तथा भरोसा दिलाता हूं कि छत्तीसगढ़ सरकार सदैव जवानों के साथ खड़ी है तथा उनकी सहायता के लिए हमेशा तत्पर है.”

बता दें कि आज ही के दिन 21 अक्टूबर सन् 1959 में सीमा की रक्षा करते हुए जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी. उसकी याद में हर साल पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है.

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