नई दिल्ली : आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आज पीएम मोदी ने सीवीसी और सीबीआई के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंन देश में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार छोटा हो या बड़ा, वो किसी ना किसी का हक छीनता है। ये देश के सामान्य नागरिक को उसके अधिकारों से वंचित करता है। राष्ट्र की प्रगति में बाधक होता है और एक राष्ट्र के रूप में हमारी सामूहिक शक्ति को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि बीते 6-7 सालों के निरंतर प्रयासों से हम देश में एक विश्वास कायम करने में सफल हुए हैं, कि बढ़ते हुए करप्शन को रोकना संभव है। आज देश को ये विश्वास हुआ है कि बिना कुछ लेन-देन के, बिना बिचौलियों के भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है।
आज देश को ये भी विश्वास हुआ है कि देश को धोखा देने वाले, गरीब को लूटने वाले, कितने भी ताकतवर क्यों ना हो, देश और दुनिया में कहीं भी हों, अब उन पर रहम नहीं किया जाता, सरकार उनको छोड़ती नहीं है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए हमारी सरकार प्रो पीपल, प्रोएक्टिव गवर्नेंस को सशक्त करने में जुटी है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़ी नई चुनौतियों के सार्थक समाधान तलाशने के लिए आप सब सरदार वल्लभ भाई पटेल के सानिध्य में महामंथन के लिए जुटे हैं। सरदार पटेल ने हमेशा गवर्नेंस को भारत के विकास का, जन सरोकार का, जन हित का आधार बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास…
पीएम मोदी ने कहा कि हमने देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम करने को एक मिशन के रूप में लिया। हमने सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए। मैक्सिमम गवर्नमेंट कंट्रोल के बजाय मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस पर फोकस किया।
हमारी सरकार देश के नागरिकों पर संदेह नहीं करती…
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में जो सरकार है, वो देश के नागरिकों पर विश्वास करती है, उन्हें शंका की नजर से नहीं देखती। इस भरोसे ने भी भ्रष्टाचार के अनेकों रास्तों को बंद किया है। इसलिए दस्तावेजों की वैरीफिकेशन के लेयर्स को हटाकर, करप्शन और अनावश्यक परेशानी से बचाने का रास्ता बनाया है। जब हम ट्रस्ट और टेक्नॉलॉजी के दौर में आगे बढ़ रहे हैं, तो आप सभी साथियों, आप जैसे कर्मयोगियों पर देश का ट्रस्ट भी उतना ही अहम है। हम सभी को एक बात हमेशा याद रखनी है- राष्ट्र प्रथम ! हमारे काम की एक ही कसौटी है- जनहित, जन-सरोकार।